जगदलपुर। एक अगस्त से किरन्दुल-कोत्तवालसा रेल लाईन में दौडऩे वाली इकलौती यात्री ट्रेन विशाखापटनम-किरन्दुल पैसेंजर टे्रन 14 डिब्बों की हो गई है। यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पैसेंजर ट्रेन में जनरल बोगी के तीन नये कोच जोड़े गये हैं। तीन माह पहले की स्थानीय लोगों की मांग पर इस ट्रेन में एक एसी कोच जोड़ा गया था। पैसेंजर ट्रेन में अब जनरल के 10, एसी का 1, स्लीपर का एक और एसएलआर के दो कोच को मिलाकर कुल 14 डब्बे हो गये हैं। 1 सितम्बर 1976 को जब पैसेंजर टे्रन शुरू हुई थी तो उस दौरान यह गाड़ी 6 डिब्बों की थी। बीते 39 सालों में धीरे-धीरे कोच की संख्या बढक़र 11 हो गई थी, जो अब नये तीन जनरल कोच जुडऩे के बाद 14 तक पहुंच गई है।
केके रेल लाईन में घुमावदार सुरंग, रेलपथ 58 की बहुतायत है। जिसके कारण पैसेंजर ट्रेन में 11 से अधिक कोच न लगा पाने की विवशता रेलवे ने जाहिर की थी। दो साल पहले अनिल कुमार जब वालटेयर रेल मंडल के डीआरएम थे, उस समय रेल की लंबाई बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया था। इस प्रस्ताव के आधार पर आरडीएसओ रेलवे डिजाइन स्टैंडड आर्गनाजेशन लखनऊ की विशेषज्ञ टीम ने केके रेल लाईन में पैंसेजर ट्रेन में डिब्बों की संख्या बढ़ाकर ट्राएल किया था। ट्रायल का परिणाम सकारात्मक आने के बाद रेलवे ने तीन नये कोच जोडऩे की अनुमति इष्ट कोष्ट रेल जोन भुवनेश्वर को हाल ही में दी थी। जिसके बाद 1 अगस्त से कोच की संख्या बढ़ाकर 14 कर दी गई।