RBI (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) ने इस साल अपनी लगातार दूसरी मौद्रिक समीक्षा पॉलिसी में नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।रेपो रेट 6.25 फीसदी पर स्थिर रहा है। वहीं, नगद आरक्षित अनुपात (CRR) को 4 फीसदी पर स्थिर रखा गया है। हालांकि RBI ने अगले वित्त वर्ष 2017-18 में बेहतर ग्रोथ का अनुमान लगाया है।
आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने बताया कि आने वाले दिनों में करेंसी में भारी उतार-चढ़ाव के चलते महंगाई बढ़ने की आशंका बनी हुई है। इसलिए मौजूदा पॉलिसी में ब्याज दरों को स्थिर रखा गया है।
विश्लेषकों का मानना है कि अप्रैल में होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों में 0.25 फीसदी की कटौती संभावित है।
इससे पहले बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने अपनी रिपोर्ट में संभावना व्यक्त की थी कि नोटबंदी के कारण वृद्धि की संभावना पर पड़े विपरीत प्रभाव को पलटने के लिए RBI मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कटौती कर सकता है। साथ ही अप्रैल की मौद्रिक नीति समीक्षा में भी कटौती की संभावना है।
RBI के ब्याज दरें नहीं घटाने से घरेलू शेयर बाजार में निराशा देखने को मिली है। पॉलिसी के तुरंत बाद सेंसेक्स 125 अंक गिरकर दिन के निचल स्तर पर आ गया है। वहीं, निफ्टी में 50 अंक से ज्यादा की गिरावट है।
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