नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में विभिन्न संगठनों द्वारा बुलाए गए 11 घंटे के बंद के कारण सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध नहीं रहने से अभिनेता नसीरुद्दीन शाहसमेत कई विमान यात्री घंटों तक हवाई अड्डे पर फंसे रहे. नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में कई छात्र संगठनों और राजनीतिक दलों ने पूर्वोत्तर बंद का आह्वान किया था.
यात्रियों ने बताया कि बंद के दौरान हवाई अड्डे तक आने-जाने के लिए टैक्सी, ऑटो रिक्शा या बसें उपलब्ध नहीं रहने के कारण उन्हें बहुत दिक्कत हुई. शाम चार बजे बंद के समापन के बाद ही विमान यात्रियों को परिवहन सेवाएं उपलब्ध हो पाईं.
अभिनेता नसीरुद्दीन शाह सोनितपुर जिले के तेजपुर में आयाजित कार्तिक हजारिका राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव में हिस्सा लेने आए हैं. रंगमंच महोत्सव के आयोजकों ने बताया कि ‘लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा’ पर दो घंटे तक उन्हें इंतजार करना पड़ा. बंद के समापन के बाद आयोजकों ने उनके लिए वाहन का इंतजाम किया. सभी हवाई अड्डे पर आगमन टर्मिनल पर सैकड़ों यात्री फंसे रहे.
हाल ही में, अभिनेता नसीरुद्दीन शाह अपने बयानों के कारण चर्चा में रहे थे. शाह ने पिछले महीने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि गाय की मौत एक पुलिस अधिकारी की मौत से अधिक महत्वपूर्ण है. वह उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में तीन दिसंबर को कथित गोकशी को लेकर हुई भीड़ की हिंसा की घटना पर बोल रहे थे. हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह समेत दो लोगों की मौत हो गई थी.
अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने एमनेस्टी इंडिया पर सरकार की कथित ‘कार्रवाई’ के विरोध में दावा किया था कि भारत में धर्म के नाम पर नफरत की दीवार खड़ी की जा रही है और इस ‘अन्याय’ के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों को सजा दी जा रही है. उन्होंने वीडियो संदेश में कहा, “कलाकारों, अभिनेताओं, शोधार्थियों, कवियों सभी को दबाया जा रहा है. पत्रकारों को भी चुप कराया जा रहा है.” उन्होंने दावा किया था, “धर्म के नाम पर नफरत की दीवार खड़ी की जा रही है. निर्दोषों की हत्या की जा रही है. देश भयानक नफरत और क्रूरता से भरा हुआ है.”