लखनऊ । हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने जल निगम के चेयरमैन रहे आज़म खां को तलब किए जाने के मामले में जलनिगम के प्रबंध निदेशक से कहा कि वह पूरे मामले को देखे और निपटारा करे। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि अब आजम खान पद पर नहीं रहे लिहाजा प्रबंध निदेशक मामले को देखे ।
न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल व न्यायमूर्ति रवींद्र नाथ मिश्रा की पीठ ने यह आदेश राज्यसरकार की ओर से दायर याचिका पर दिए है । अदालत ने कहा कि इस मामले में किस आधार पर ट्रिब्यूनल और हाइकोर्ट में एक ही दस्तावेज दो तरह से कैसे पेश किए गए । अदालत ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से याचिका दायर की गयी है। इसमे पहले ट्रिब्यूनल में दायर याचिका में और हाइकोर्ट की याचिका में लगे दस्तावेजो मे काफी विरोधाभास है ।
इस मामले मे अदालत ने पिछली सुनवाई पर कैबिनेट मंत्री आजम खान को तलब किया था। अदालत ने एम डी जल निगम से पूछा था कि अधिकारी कागजो में क्या कर रहे है। विदित हो कि जल निगम के अधिशाषी अभियंता धीरेंद्र कुमार सिंह के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की गई थी । जिसे राज्य सेवा अधिकरण में याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी।
अधिकरण में कहा गया कि याची के खिलाफ की गई विभागीय कारवाइ नियम अनुसार नही है। अदालत ने याचिका स्वीकार करते हुए फैसला दिया था। अधिकरण के इस मसले के खिलाफ जल निगम की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 7 अप्रैल को तय की है ।