लखनऊ। कलेक्ट्रेट में एक बार फिर कर्मचारी वकीलों की मारपीट का शिकार बने। मंगलवार को करीब एक दर्जन वकीलों ने खनन अनुभाग के कर्मचारी विनय शुक्ला के साथ गाली-गलौज और मारपीट की।
कर्मचारी की पिटाई होता देख साथी कर्मचारियों ने उसे बचाया। वकीलों ने बचाने आए साथियों की भी पिटाई की। घटना को लेकर कलेक्ट्रेट कर्मचारियों में रोष है। कलेक्ट्रेट कर्मचारी एसोसिएशन के पदाधिकारी विजय वर्मा ने बताया कि बुधवार को कर्मचारियों के उत्पीड़न के खिलाफ बैठक होगी।
खनन अनुभाग में दफ्तर बंद होने के दौरान करीब एक दर्जन वकीलों ने यहां तैनात विनय शुक्ला के पास पहुंचे। कर्मचारी विनय शुक्ला का आरोप है कि दारु के नशे में पहुंचे वकील उन पर खनन की एक फाइल पर एनओसी का दबाव डालने लगे।
एनओसी नहीं देने पर वे बिफर गए और उनके साथ गाली-गलौच की। इतना ही नहीं उन्हें लात-घूसों से मारापीटा। शोर शराबा सुन कलेक्ट्रेट के कर्मचारी आए गए। किसी तरह कर्मचारियों ने उन्हें बचाया। वहीं कर्मचारियों का आरोप है कि बीच बचाव कर रहे कर्मचारियों को भी वकीलों ने गालिया दी। इसी बीच किसी ने इसकी जानकारी एडीएम प्रशासन अविनाश सिंह को दी।
जानकारी मिलने के बाद एडीएम प्रशासन मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को शांत कराया। एडीएम के मुताबिक मामूली विवाद था जो शांत हो गया। वकील के पक्ष के अन्य सदस्यों ने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उधर, कर्मचारी इस घटना से गुस्से में हैं। कलेक्ट्रेट के पीछे शाम सात बजे कर्मचारी इकट्ठा हुए और संघ के पदाधिकारियों को इसकी जानकारी दी।
कलेक्ट्रेट कर्मचारी एसोसिएशन के पदाधिकारी विजय वर्मा ने बताया कि इस सम्बंध में संगठन की बुधवार को बैठक होगी। इस बैठक में कर्मचारी उत्पीड़न के खिलाफ संगठन निर्णय लेगा।