अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार आ रहे उछाल से देश में पेट्रोल-डीजल के दाम भी लगातार बढ़ रहे हैं. ईंधन के दाम बढ़ने से महंगाई का असर दिखाई देने लगा है. ईंधन पर छाई मंहगाई को लेकर विपक्षी दल केंद्र पर लगातार हमला कर रहे हैं. सरकार तेल के दामों पर लगाम लगाने के लिए नए-नए उपाय खोज रही है. इसी क्रम में केंद्र सरकार ने तेल पर निर्भरता कम करने का प्लान तैयार किया है. सरकार का कहना है कि अपने ही देश में बायोफ्यूल और बायो ईंधन को बढ़ावा देकर आयातित तेल पर निर्भरता कम की जा सकती है. सरकार ने देश में तेजी से बायोगौस प्लांट विकसित करने की योजना तैयार की है.
भारत अपनी कुल तेल जरूरतों में से 81 प्रतिशत से अधिक आयात से पूरा करता है. इसमें कमी लाने के लिये कृषि अवशेष, ठोस कचरा, गोबर, ठोस कचरा और दूषित जल शोधित संयंत्रों से निकलने वाले अवशिष्ट आदि से बायोगैस उत्पादन की योजना है.
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बायो गैस पर अपनी नीति का खुलासा करते हुए बताया कि कृषि अवशेष, गोबर और स्थानीय निकायों के ठोस कचरे से बायो गैस तैयार करने के लिए अगले पांच साल में 1.75 लाख करोड़ रुपये के निवेश से 5,000 बायो गैस प्लांट तैयार किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि तेल जरूरतों को पूरा करने के लिये आयात पर निर्भरता कम करने के मकसद से सार्वजनिक क्षेत्र की ईंधन विपणन कंपनियां इन प्लांटों से तैयार बायोगैस 46 रुपये किलो पर खरीदेगी.