देश में अगले साल चुनाव होने जा रहे है. ऐसे में मौजूदा मोदी सरकार का पलड़ा भारी पड़ता नज़र आ रहा है. जो कि लोकसभा सदन में भी देखा जा चूका है. इन सब के बीच विपक्ष की पार्टियों ने भी 2019 के लिए कमर कस ली है. इन सब विपक्षी पार्टियों के महागठबंधन की अगुवाई करने का फैसला लिया है आम आदमी पार्टी ने. 
ईमानदारी की राजनीति का भाषण देने वाली आम आदमी पार्टी को भी अब इस महागठबंधन में शामिल होने वाली पार्टियों से भी परहेज नहीं है. पार्टी को अब न तो कांग्रेस से परहेज है और न ही लालू प्रसाद यादव की आरजेडी से. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सलाह दी है कि अब भी समय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा छोड़ विपक्षी एकता में शामिल हो जाएं, क्योंकि 2019 में केंद्र से नरेंद्र मोदी सरकार का जाना तय है.
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने अपनी राजनीति की शुरुआत कांग्रेस के विरोध में की थी और चूंकि लालू प्रसाद इस समय भ्रष्टाचार के मामले में जेल में सजा काट रहे हैं, इसलिए उनकी पार्टी से नजदीकी दिखाना आम आदमी पार्टी की राजनीति में एक बहुत बड़ा बदलाव है. देखना यह होगा कि आम आदमी पार्टी अपने वादों के खिलाफ जाकर इन पार्टियों के साथ कहा तक चल पाती है.
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