प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन तलाक़ के खिलाफ चलाए जा रहे रहे अभियान में अब कांग्रेस भी कूद पड़ी है. अभी तक पीएम मोदी तीन तलाक़ पर कांग्रेस द्वारा समर्थन ना दिए जाने का मुद्दा उठाते रहे हैं. लेकिन कांग्रेस के इस कदम ने पीएम के मंसूबों पर पानी फेर दिया है. दरअसल, मोदी सरकार, कांग्रेस को तीन तलाक़ के विरोध में बताकर मुस्लिम महिलाओं की हमदर्दी हासिल करना चाहती थीं, लेकिन कांग्रेस ने समर्थन के साथ बीजेपी के सामने मुआवजे की भी शर्त रख दी, जिससे वो वापिस मुस्लिम वोट बैंक के करीब आ गई. 
दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने पीएम मोदी क एक पत्र लिखा था, जिसमे उन्होंने पीएम से संसद के मॉनसून सत्र में महिला आरक्षण विधेयक अपना समर्थन दिया था, साथ ही इस विधेयक को पारित करने की बात भी कही थीं. लेकिन इसपर पलटवार करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उन्हें पत्र लिखकर निकाह हलाला और तीन तलाक़ सम्बन्धी विधेयकों पर समर्थन की मांग की थी.
अपने इस पत्र को भाजपा भुना भी रही थी, कि राहुल गाँधी ने इस समर्थन के लिए हामी भर दी, साथ ही एक शर्त भी रख दी, कि विधेयक में तीन तलाक और निकल हलाला से पीड़ित महिलाओं के लिए मुआवजे का भी प्रावधान होना चाहिए. कांग्रेस के इस समर्थन के बाद लगता है कि उन्हें मुस्लिम वोटरों का समर्थन जरूर मिलने वाला है, लेकिन अब भाजपा किस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरेगी यह देखने वाली बात होगी.
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