पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया है, “गणेशोत्सव, दही हांडी और नवरात्र उत्सव हमारी आस्था का हिस्सा हैं। नियम कायदे बनाने वाली अदालतें कम से कम इन मामलों में लक्ष्मणरेखा को पार न करें।”जन्माष्टमी के अवसर पर महाराष्ट्र में खेले जाने वाले खेल दही हांडी पर सुप्रीम कोर्ट ने कई तरह की बंदिशें लगाई हैं, जिनके मुताबिक दही हांडी की ऊंचाई 20 मीटर से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए और नाबालिग़ इसमें हिस्सा नहीं ले पाएंगे। लेकिन शिवसेना इससे सहमत नहीं है। पार्टी मुखपत्र का कहना है, “हिंदुओं के पर्व और त्यौहार होंगे। लोग अपने आपको रोके जाने के प्रयासों को नाकाम बना देंगे और शिवसेना इस असंतोष का नेतृत्व करेगी।”संपादकीय का कहना है, “लोगों ने लोकतांत्रिक तरीके से अपनी सरकारें चुनी हैं और उन्हें अपना काम करने दिया जाए।”और जब अदालतें सरकार का काम अपने हाथ में लेने लगती हैं तो उन्हें भी आलोचना के लिए तैयार रहना चाहिए।