रांची। झारखण्ड के उलमान गांव में लोगों ने पहाड़ चीर कर रास्ता बनाया है। जनप्रतिनिधियों ने जब हाथ खड़े कर दिए, तो पलामू के उलमान गांव के ग्रामीणों ने गौंती-फावड़ा खुद अपने हाथों में उठा लिया और देखते-देखते 200 मीटर पहाड़ी काटकर नया रास्ता बना डाला। इससे गांव की प्रखंड मुख्यालय से दूरी 14 किलोमीटर कम हो गई। पहले ग्रामीणों को इलाज या अन्य कामों के लिए 21 किलोमीटर की दूरी करनी पड़ती थी। अब इस रास्ते से दोपहिया और चार पहिया वाहन आसानी से आ जा सकते हैं। गांव तक के छोटे रास्ते में द्वारपाल कालीघाटी पहाड़ी बाधक थी। इसको लेकर कई बार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से बातचीत की गई,लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद ग्रामीणों ने कालीघाटी पहाड़ी काटकर तीन किमी सड़क बनाने का फैसला लिया।

पहाड़ चीर कर रास्ता बनाया…
एक घर से लिए 30 रुपये
काम शुरू करने के लिए 200 परिवारवाले इस गांव के सभी घर से 30 रुपये सहयोग राशि ली। इस रकम से टैक्टर, फावड़ा और जरूरत के सामान का इंतजाम किया गया। नई सड़क बनाने में गांव के बुजुर्ग, युवा और महिलाएं सभी लगे हैं।
उलमान गांव के ग्रामीणों ने कहा कि इस परेशानी को लेकर हुई बैठक में माउंटेनमैन दशरथ मांझी को याद किया गया। जिन्होंने पहाड़ काटकर अपने गांव से आने जाने का रास्ता बनाया था। यही प्रण लेकर हमने भी पहाड़ काटकर रास्ता बनाने का फैसला लिया।
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