मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश सरकार का एक वर्ष पूरा होने पर अब विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करने निकल पड़े हैं। इस दौरान उनको जहां भी कोई काम ठीक नहीं लग रहा है। वहां पर वह बड़ा एक्शन ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने इस एक्शन के क्रम में आज बड़ा एक्शन लिया है। उन्होंने इससे पहले तो इंजीनियर या फिर अन्य छोटे अधिकारियों को निलंबित किया था। आज उन्होंने फतेहपुर के साथ ही गोंडा के जिलाधिकारी को निलंबित कर दिया। फतेहपुर के जिलाधिकारी कुमार प्रशांत तथा गोंडा के जिलाधिकारी जेबी सिंह के खिलाफ इस कार्रवाई से सूबे के प्रशासनिक महकमे में काफी खलबली मच गई है। कुमार प्रशांत तथा जेपी सिंह को अवैध खनन पर रोक लगाने में नाकाम होने के कारण यह दंड झेलना पड़ा है। अवैध खनन के साथ ही कुमार प्रशांत तथा जेबी सिंह पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगे हैं।
इससे पहले प्रदेश सरकार ने खनन विभाग के निदेशक डॉ. बलकार सिंह को हटाकर बस्ती का जिलाधिकारी बनाया था। उन्होंने जब 15 दिन तक बस्ती के डीएम का काम नहीं संभाला तब फिर डॉ. राजशेखर को बस्ती का डीएम बनाया। डॉ. बलकार सिंह को एक बार फिर निदेशक खनन के पद पर तैनात किया गया, लेकिन कल ही उनको इस पद से हटा दिया गया।
विशेष सचिव एवं निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म बलकार सिंह को प्रदेश सरकार ने कल निदेशक दिव्यांगजन सशक्तीकरण बनाया गया है। मंगलवार को ही सरकार ने उनकी बस्ती के डीएम पद पर की गई तैनाती निरस्त की थी। उन्हें भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग में बने रहने के आदेश दिए थे। 24 घंटे के भीतर उनका तबादला निदेशक दिव्यांगजन सशक्तीकरण के पद पर कर दिया।
प्रदेश सरकार ने 25 मई को उनका तबादला विशेष सचिव एवं निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म से बस्ती के डीएम पद पर कर दिया था। बलकार सिंह बस्ती जाने को तैयार नहीं हुए। वह पश्चिम यूपी के जिले में तैनाती चाह रहे थे। उनका बस्ती डीएम पद पर तबादला मंगलवार को निरस्त कर दिया गया। इसके साथ ही उन्हें विशेष सचिव एवं निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग में बने रहने के आदेश दिए। इस आदेश के जारी होने के 24 घंटे के भीतर ही सरकार ने उन्हें खनन विभाग से हटा दिया। अब उन्हें निदेशक दिव्यांगजन सशक्तीकरण बनाया गया है।
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