भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) तेल की उच्च कीमतों के बीच रुपये को मजबूती देने तथा विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) के प्रवाह में आई सुस्ती से निपटने के लिए एनआरआई बांड के जरिये 30-35 अरब डॉलर जुटाएगा। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी कंपनियों के एमएससीआई जैसे वैश्विक बेंचमार्क सूचकांकों में सूचीबद्ध होने से भारत में एफपीआई निवेश प्रभावित होगा। बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफाएमएल) की रिपोर्ट के मुताबिक, बेंचमार्क सूचकांकों में सूचीबद्ध होने से साल 2019 तक 100 अरब डॉलर चीनी बाजार में स्थानांतरित होगा।
बोफाएमएल ने एक शोध पत्र में बताया कि हमारे चीनी रणनीतिकारों का अनुमान है कि बेंचमार्क सूचकांकों में संभावित तौर पर सूचीबद्ध होने से साल 2019 के अंत तक 100 अरब डॉलर तक चीनी बाजार में स्थानांतरित होंगे।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आम चुनाव के चलते राजनीतिक अनिश्चितता के बीच भारत में एफपीआई इक्विटी प्रवाह में सुस्ती आ सकती है। हमें विश्वास है कि तेल की उच्च कीमतों के बीच एफपीआई निवेश में आई सुस्ती से निपटने के लिए आरबीआई 30-35 अरब डॉलर जुटाने के लिए एनआरआई बांड का चौथा अंश जारी कर सकता है।