वाणिज्य कर विभाग रेडियो तरंगों से कर चोरी पकड़ेगा। इसके लिए 41 चेक पोस्टों पर रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआइडी) के जरिये माल लेकर आने और प्रदेश से बाहर जाने वाले वाहनों की मॉनिटरिंग की जाएगी। सभी वाणिज्यिक वाहनों पर आरएफआइडी टैग लगाए जाएंगे। इस सिस्टम के जरिये एक बार ई वे बिल जनरेट होने के बाद कोई भी गाड़ी दोबारा नए ई वे बिल के बिना प्रदेश में प्रवेश नहीं कर सकेगी। पूरी व्यवस्था की लखनऊ में बने कंट्रोल रूम से मॉनिटरिंग की जाएगी।
वैध का करने वालों को फायदा
आरएफआइडी डिवाइस से वैध काम करने वाले व्यापारियों को काफी फायदा मिलेगा। उनका माल चेक पो
स्टों पर नहीं रोका जाएगा। ई वे बिल, सही कागजात से माल लेकर जाने वालों को डिवाइस के जरिये चेक करते हुए चेक पोस्टों से निकलने को हरी झंडी दी जाएगी।
गोरखपुर जोन में यहां लगी डिवाइस
प्रदेश में 41 बार्डरों पर यह डिवाइस लगनी है। गोरखपुर जोन में कुशीनगर के तमकुहीराज, महराजगंज के सोनौली, सिद्धार्थनगर के बढऩी और देवरिया के मेहरौना में यह व्यवस्था लागू होगी। इन बार्डर चेक पोस्टों पर टॉवर स्थापित हो चुके हैं। विभाग द्वारा इनका सत्यापन भी कराया जा चुका है। जिन वाहनों पर टैग लगे होंगे वह इन बार्डरों से प्रदेश में आते या जाते समय आरएफआइडी सिस्टम के दायरे में आ जाएंगे। उनकी पूरी जानकारी कंट्रोल रूम को मिल जाएगी। एक बार प्रवेश के बाद प्रदेश में इन वाहनों की चेकिंग भी नहीं होगी। अभी तक ऐसा कोई सिस्टम न होने की वजह से शहर दर शहर ट्रकों की चेकिंग होती थी, जिसमें काफी समय बर्बाद होता था।
कर चोरी बनी वजह
जीएसटी के तहत ई वे बिल लागू होने के बाद कुछ ट्रांसपोर्टरों ने प्रदेश के बार्डरों पर सामान डंप करना शुरू कर दिया। वह एक ही ई वे बिल पर बार-बार सामान को प्रदेश के भीतर ले आने लगे। जांच का सिस्टम न होने के कारण इन कर चोरों को पकड़ा भी नहीं जा सकता था। कुछ जगहों पर अफसरों की जांच में ऐसे मामले आए तो आरएफआइडी सिस्टम की जरूरत महसूस होने लगी।
एक नवंबर 18 से प्रभावी होगी नई व्यवस्था
एडिशनल कमिश्नर ग्रेड टू वाणिज्य कर बीएन द्विवेदी ने कहा कि प्रदेश में आने व जाने वाले वाणिज्यिक वाहनों के अनुश्रवण के लिए आरएफआइडी की व्यवस्था एक नवंबर 18 से प्रभावी किया जाना है। इसके प्रचार-प्रसार के लिए गोरखपुर जोन कार्यालय में हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है। यह डेस्क 30 सितंबर से 31 अक्टूबर तक काम करेगा। पूरे अक्टूबर माह में जगह-जगह शिविर बैठक व गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। इसमें आरएफआइडी टैग प्राप्त करने के बारे में बताया जाएगा।