ओडिशा सरकार ने छुआछूत उन्मूलन के तहत अंतरजातीय विवाह करने पर दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि के नियम में संशोधन कर इसे बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया है।
बढ़ी हुई रकम 14 सितंबर 2017 से प्रभावी मानी जाएगी। पहले यह रकम 50 हजार थी फिर एक लाख की गई और अब ढाई लाख।
अनुसूचित जाति व जनजाति विकास मंत्री रमेश चंद्र माझी ने बताया कि समय व जरूरतों के हिसाब से रकम में वृद्धि की गई है।
यानि सितंबर 2017 से लेकर अब तक जितने भी अंतरजातीय विवाह हुए हैं उन्हें विवाह सर्टिफिकेट के आधार पर रकम दी जाएगी। यह रकम उच्च जाति के हिदू व अनुसूचित जाति के बीच होने वाले वैवाहिक जोड़ों को दी जाएगी।
मंत्री माझी ने बताया कि इससे गरीब जोड़ों को भी अपने पैर पर खड़े होने का पूरा मौका मिलेगा। पहले यह रकम 50 हजार थी जिसे एक लाख कर दिया गया था अब यह ढाई लाख कर दी गई है।
इसमें शर्त यह है कि वैवाहिक जोड़े में एक का गैर अनुसूचित तथा दूसरे का अनुसूचित जाति का होना जरूरी है। मंत्री ने बताया कि शादी के बाद रकम के लिए आवेदन करना होगा और यदि एक साल के भीतर तलाक हो जाता है तो रकम लौटानी पड़ेगी।
इसकी शुरुआत सबसे पहले अनुसूचित जाति कल्याण सलाहकार बोर्ड की जून-2015 में हुई बैठक में निर्णय लेकर की गई थी। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने की थी।
अधिकारिक सूत्र बताते हैं कि ओडिशा की कुल आबादी का 17 प्रतिशत लोग अनुसूचित जाति के हैं। 2017-18 वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार ने 543 जोड़ों के लिए इस मद में 2.65 करोड़ का प्रावधान किया था।
देश के कुछ राज्यों में छुआछूत समाप्त करने के लिए इस तरह की योजना चलायी जा रही है। बता दें कि अंतरजातीय विवाह करने पर राजस्थान में पांच लाख रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में सरकार देती है।
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