Friday , January 3 2025
कच्ची उम्र में खतरनाक खिलौना है स्मार्ट फोन

कच्ची उम्र में खतरनाक खिलौना है स्मार्ट फोन

सहसपुर में आठ साल की बच्ची के साथ गैंगरेप की घटना सिर्फ एक आपराधिक कृत्य नहीं है। इस घटना में सबसे असामान्य बात यह है कि नौ से 14 वर्ष के पांच बच्चों ने इसे अंजाम दिया। इन बच्चों ने मोबाइल में पोर्न मूवी देखकर पूरी घटना को प्लान किया। इस घटना से उन माता-पिता के सामने भी सवाल खड़ा कर दिया है, जो अपने बच्चों को मोबाइल फोन सिर्फ एक खिलौना मानकर दे देते हैं।कच्ची उम्र में खतरनाक खिलौना है स्मार्ट फोन

अभिभावकों को इस बात को समझना होगा कि स्मार्ट फोन महज कार्टून फिल्मों और हल्के-फुल्के मनोरंजन तक सीमित नहीं रहा। इंटरनेट की दुनिया ने इसे ऐसे माध्यम से भी जोड़ दिया है, जहां अश्लीलता का अंधा संसार भी है, जो अबोध बच्चों के लिए और भी खतरनाक है। 

छोटे बच्चों का दिमाग जिज्ञासा से भरा और प्रयोगधर्मी होता है। वह नफा-नुकसान की परिभाषा से दूर हर उस बात को खुद पर लागू करना चाहते हैं, जो वह देख रहे हैं। सहसपुर की घटना का भी इस नासमझी से गहरा ताल्लुक है। पोर्न मूवी देखकर आठ साल की बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म करने वाले नाबालिग बच्चों के अभिभावक यदि समय रहते इस आशंका को भांप लेते तो शायद यह अनहोनी घटती ही नहीं। 

न्यूरो साइकोलॉजिस्ट डॉ. सोना कौशल की मानें तो यौन उत्पीड़न के बढ़ते मामलों के लिए सबसे ज्यादा इंटरनेट दोषी है। आज हर मोबाइल फोन में इंटरनेट है। जिसमें आने वाला हर कुछ बच्चे देख रहे हैं। उनका कहना है कि फिल्मों में परोसी जा रही अश्लीलता, टीवी शो, सीरियल भी इसके लिए दोषी हैं। 

सच्चाई के नाम पर टीवी में कई ऐसी घटनाएं भी दिखाई जा रही हैं, जो बच्चों के दिमाग पर गलत असर डाल रही हैं। अगर अभिभावक समय रहते सजग नहीं हुए तो इसके भयानक परिणाम सामने आते रहेंगे।

E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com