इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि धोनी किसी भी नंबर पर बल्लेबाजी करने में सक्षम है। पूर्व कप्तान को अपने खेल पर पूरा यकीन है कि वो किस गेंद पर बड़ा शॉट खेल सकते हैं। धोनी मध्यक्रम का अहम हिस्सा हैं और युवराज के साथ वो अच्छी तरह फिनिशर का रोल अदा कर सकते हैं। दोनों की आपसी समझ ही दोनों की सफलता की कहानी बयां करती है। कोहली की मानें तो उनके लिए टीम में कुछ नहीं बदला, सिवाय इसके कि कल टॉस के लिए मैदान में वो जाएंगे।
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कोहली ने माना कि राहुल, धवन और रहाणे अभ्यास मैचों में अच्छा खेल दिखा है, जिससे उनका काम आसान हो गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि युवराज और धोनी के अनुभव से युवाओं को फायदा होगा। वो धोनी को मध्यक्रम में अकेला नहीं रखना चाहते थे और इसी वजह से युवी को टीम में शामिल किया। युवराज की वापसी से मध्यक्रम मजबूत होगा और धोनी से दबाव कम होगा। कोहली ने कहा कि वो किसी भी मैच में ढिलाई नहीं बरतना चाहते और शीर्ष क्रम के अलावा मध्य क्रम को भी मजबूती देना चाहते हैं।
कोहली ने कहा कि मैदान में हर खिलाड़ी को अपने आप को जाहिर करने की इजाजत है। धोनी की कप्तानी में वो कप्तान को अपने सुझाव देते थे और धोनी को भी यह स्वतंत्रता है कि वो अपनी राय खुल कर दें। धोनी का विश्लेषण अमूल्य रहेगा। कोहली ने तीनों फॉर्मेट की कप्तानी मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वो भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार हैं और निडर क्रिकेट खेलने में यकीन रखते हैं।