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करन ने कंगना के इस आरोप का दिया जबाव- तब उन्हें भाई- भतीजे वाद का मतलब पता नहीं

मनोरंजन डेस्क। ‘कॉफी विद करन’ शो में कंगना ने काफी बेबाकी से कहते हुए करन को ‘मूवी माफिया’ तो बताया था, साथ ही यह भी कहा था कि वह बॉलिवुड में भाई-भतीजावाद के मुखिया हैं। हालांकि, अपने शो की शांति को बनाए रखते हुए करन जौहर ने कंगना की इन बातों का तब कोई जवाब नहीं दिया था, लेकिन हाल में उनसे पूछा गया कि कंगना के इन आरोपों पर उनकी क्या राय है? इसपर करन ने कहा, ‘वह मेरी मेहमान थीं और मुझे वह सब सुनना ही था जो भी उन्होंने कहा। उन्हें अपने विचार रखने का हक है, लेकिन यदि वह ‘भाई-भतीजावाद के मुखिया’ कह रही हैं तो मुझे नहीं लगता कि उन्हें ‘भाई-भतीजावाद’ का मतलब पता भी है।

क्या मैं अपने बेटे, बेटी या भतीजे के साथ काम कर रहा हूं? उन 15 फिल्ममेकरों का क्या, जो फिल्म इंडस्ट्री से नहीं हैं? कोई भी तरुण मनसुखानी, शकुन बत्रा, शशांक खेतान या पुनीत मल्होत्रा के बारे में बातें नहीं करता जो कि कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर का भतीजा है, जो फिल्मी बैकग्राउंड से नहीं है। आप इन लोगों का फिल्म करियर बनाते हैं और मुझे लगता है कि यह भाई-भतीजावाद के विपरीत है, लेकिन निसंदेह इसके लिए कोई क्रेडिट नहीं दिया जाएगा। जहां तक ऐक्टर्स की बात है तो मैंने उनमें से केवल दो को लॉन्च किया, आलिया भट्ट और वरुण धवन को। सिद्धार्थ मल्होत्रा उन लोगों का महज एक-तिहाई हिस्सा ही थे और उनका फिल्मों से कोई लेना देना भी नहीं था। मुझे सच में नहीं समझ आया कि उनके कहने का क्या मतलब था।’

उन्होंने आगे कहा, ‘उनका मूवी माफिया कहने का क्या मतलब था?’ हम क्या करते हैं, इस बारे में वह क्या सोचती हैं? हम यहां बैठे हैं और उन्हें काम नहीं दे रहे? क्या इसलिए हमें माफिया करार दिया गया? हम यह अपनी खुशी से करते हैं। मैं इसलिए ऐसा करता हूं कि हो सकता है मुझे कंगना के साथ काम करना पसंद नहीं और इस वजह से मैं मूवी माफिया नहीं बन जाऊंगा। मैं उनके शानदार दृष्टिकोण की प्रशंसा करता हूं और मेरे शो पर आने के लिए सबने उनकी तारीफ की। लोग कहते हैं कि उसने करन को अच्छा मजा चखाया और मैं कहता हूं बिल्कुल, लेकिन मेरा भी दयालु स्वभाव देखिए कि उन्होंने जो भी कहा उसे स्वीकार किया।’

उन्होंने बताया, ‘मैं चाहता था कि पूरी दुनिया उनके विचार को सुने। मैंने उन्हें बोलने के लिए वह प्लैटफॉर्म दिया और यह मेरा प्लैटफॉर्म है, इसलिए मैं वह बोल रहा हूं जो बोलना चाहता हूं। अंत में मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहूंगा कि कंगना के महिला होने और पीड़ित की तरह व्यवहार करने का यह पूरा एपिसोड अब पूरा हुआ। आप हमेशा अपनी दुख भरी कहानी को बताने के लिए अपना विक्टिम कार्ड नहीं खेल सकतीं और सारा दोष इस इंडस्ट्री को नहीं दे सकतीं। और यदि ऐसा वाकई लगता है तो इंडस्ट्री छोड़ दें।’

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