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कर्नाटक सरकार ने तमिलनाडु को कावेरी का पानी छोडना किया शुरू

07-09-2016_12_29_55kaveriबेंगलुरु। उच्चतम न्यायालय के निर्देश का पालन करते हुए कर्नाटक सरकार ने तमिलनाडु को कावेरी का पानी छोडना शुरू कर दिया है। हालांकि कर्नाटक सरकार के इस फैसले का मांड्या के किसान विरोध कर रहे हैं। कर्नाटका वेदिके रक्षा समिति के सदस्यों ने मैसूर बैंक सर्किल के पास जबरदस्त विरोध किया। वहीं किसानों का मांड्या में जबरदस्त प्रदर्शन जारी है। आंदोलनकारियों ने होसुर सीमा पर तमिलनाडु से आने वाले ट्रक और बसों को आने से रोक दिया है। मंगलवार को बेंगलुरु-मैसूर हाइवे को बंद कर दिया था। विरोध प्रदर्शन के चलते मांड्या के स्कूल और कॉलेज को दो दिन के लिए बंद कर दिया है। ऐहतियात के तौर पर कृष्णाराज सागर डैम और वृंदावन गार्डेन को भी आम लोगों के लिए चार दिनों तक बंद किया गया है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने करीब तीन घंटे तक चली सर्वदलीय बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि कर्नाटक सरकार के समक्ष पेश आ रही गंभीर कठिनाइयों के बावजूद राज्य उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप पानी छोड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य एक नई याचिका के साथ उच्चतम न्यायालय जायेगा और इस आदेश को लागू करने में पेश आ रही कठिनाइयों को बतायेगा और इसमें बदलाव की मांग करेगा।

इसके साथ ही कावेरी निगरानी समिति के समक्ष भी जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान के तहत प्रतिबद्ध राज्य के लिए उच्चतम न्यायालय को दरकिनार करना या पानी जारी करने से मना करना कठिन होगा। उन्होंने कहा कि भारी मन के साथ यह निर्णय किया गया है कि तमिलनाडु को पानी दिया जायेगा जबकि हमारे राज्य को खुद गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने किसानों से शांति एवं व्यवस्था बनाये रखने और सार्वजनिक संपत्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचाने की भी अपील की। कावेरी राजनीतिक के केंद्र मांड्या जिले में बंद रखा गया। प्रदर्शनकारियों ने अनेक जगहों पर सड़कें जाम कर दी और धरने दिए। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कावेरी क्षेत्र में केंद्रीय बल समेत सैकड़ों सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक को निर्देश दिया है कि तमिलनाडु के किसानों की दिक्कतें दूर करने के लिए वह अगले 10 दिन तमिलनाडु को 15000 क्यूसेक पानी छोड़े। इस निर्देश के बाद कावेरी पर विवाद गरमा गया जिसके मद्देनजर नौ सितंबर तक कृष्णराजसागर बांध के इर्दगिर्द निषेधाज्ञा लगा दी गई और वहां आगंतुकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई. पुलिस ने बताया कि मांड्या में प्रदर्शनकारियों ने अनेक सरकारी दफ्तरों में तोडफोड़ की और उसे बंद करने के लिए बाध्य कर दिया। दूकानें, होटल और अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहे। मांड्या जिले में स्कूलों और कालेजों में छुट्टी घोषित कर दी गई। जिले में सरकारी और निजी बसें सड़कों से गायब हैं। मैसुरू और हासन जिले में भी प्रदर्शन हो रहे हैं।प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि कर्नाटक कावेरी नदी से तमिलनाडु को पानी नहीं दे।

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