कानपुर। जिले में डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के चलते लोग परेशान है। पुलिस लाइन में 15 दिन से बुखार के चलते 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी बीमार पड़ गए हैं। बीमार पुलिसकर्मियों का इलाज शहर के कई अस्पतालों में चल रहा है। डॉक्टरों ने खून की जांच करवाई तो पता चला कि 40 पुलिसवाले डेंगू की चपेट में है, वहीं आठ पुलिसवालों को चिकनगुनिया है।
पुलिस लाइन में इतने बड़े पैमाने पर पुलिसवालों के बीमार पड़ जाने से हडकंप मचा हुआ है। आधे से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने एसएसपी को अवकाश पर जाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है। एसएसपी ने नगर निगम के साथ ही थानों की साफ-सफाई के निर्देश दिए हैं। 40 लाख की आबादी वाले कानपुर नगर में बुखार ने एक माह पहले दस्तक दी थी लेकिन स्वास्थ्य महकमे ने शुरूआती चरण में कोई ठोस कदम नहीं उठाए, जिसके चलते अब स्थिति विकराल रूप धारण कर चुकी है। उर्सला, हैलट और केपीएम अस्पताल पूरी तरह बुखार के मरीजों से पटे पड़े हैं। पुलिस लाइन में बने अस्पताल में तीन दर्जन से ज्यादा पुलिसवाले अपना इलाज करा रहे हैं। वहीं कुछ प्राइवेट अस्पताल में भर्ती हैं। इसके अलावा जिले के पांच एसओ और एक सीओ को भी डेंगू ने अपनी चपेट में ले लिया है। इनका भी इलाज निजी अस्पतालों में चल रहा है।
पंद्रह दिन पहले पुलिस लाइन के छह पुलिसवालों को डेंगू हुआ था, जिनका इलाज उर्सला में चल रहा है। एसएसपी ने पुलिस लाइन में साफ-सफाई के निर्देश नगर निगम को दिए थे, इसके बावजूद वहां कूड़े-कचरे के ढेर नहीं हटाए गए और पूरी लाइन में महामारी फैल गई। हैलट अस्पताल में इलाज करवा रहे पुलिसकर्मी धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि उसे दो दिन पहले बुखार आया था। पुलिस लाइन के डॉक्टरों ने इलाज किया, लेकिन आराम नहीं मिला। खून की जांच में डेंगू की पुष्टि होने के बाद हैलट में मुझे एडमिट कराया गया। पुलिसवालों का कहना है कि पुलिस लाइन में साफ-सफाई न होने के चलते वहां पर मच्छरों का आतंक है।
हैलट में एडमिट कांस्टेबल ने बताया कि मई माह में फॉगिंग का छिड़काव हुआ था, इसके बाद नगर निगम से कोई नहीं आया। इस बारे में हमने आलाधिकारियों को खत लिखकर अवगत कराया गया। एसएसपी ने नगर निगम प्रशासन से फॉगिंग के छिड़काव के लिए पत्र लिखा था। बावजूद वहां से कोई झांकने नहीं आया।
इस मामले में एसएसपी शलभ माथुर का कहना था कि नगर निगम को सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए तत्काल प्रभाव से पुलिस लाइन में सफाई के साथ ही मच्छर मारने वाली दवा का छिड़काव करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सभी थानाध्यक्षों से भी थानों की साफ-सफाई करने के लिए कहा गया है।