लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि बसपा अध्यक्ष ने राजनैतिक स्तर गिराने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। अपने राजनीतिक स्वार्थ साधन के लिए वे कुछ भी कहने और करने में संकोच नहीं करती है। कुंठित और निराश बसपा अध्यक्ष अनर्गल बयानबाजी करने की आदी हो गई है। वह हर बार अपनी पुरानी पोथी निकाल कर घिसापिटा बयान पढ़ना शुरू कर देती है । इसमें सच्चाई कम गलत बयानी ज्यादा लगती है।
बसपा प्रमुख को समाजवादी पार्टी और सरकार दोनों से चिढ़ है क्योंकि बसपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। झूठ, लूट और अपराधिक कृत्यों के जरिए बसपा ने पांच साल उत्तर प्रदेश को बुरी तरह तबाह किया। बसपाराज में दलित किशोरियों, युवतियों के साथ दुष्कर्म और हत्या में ज्यादातर बसपा के ही विधायक और मंत्री संलिप्त रहे थे। बसपा अध्यक्ष ने तब किसी की आंख के आंसू पोछने की संवेदना नहीं दिखाई थी। उनके आवास तक आज भी दलित महिला का प्रवेश निषेध है। समाजवादी सरकार बनने पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तबाह और बर्बाद हुए उत्तर प्रदेश को विकास का नया एजेण्डा दिया जनहित की तमाम योजनाएं लागू की जिससे समाज का हर वर्ग लाभान्वित हुआ है। राज्य का यह विकास विपक्ष को रास नहीं आ रहा है। प्रदेश में विपक्ष केवल नकारात्मक विरोध प्रदर्शन करता रहा है। बसपा का काम जनता को भ्रमित करना और अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकना रहा है। तीन बार भाजपा के सहयोग से अपनी सरकार चलाने वाली और गुजरात जाकर मोदी का प्रचार करने वाली बसपा अध्यक्ष किस मंुंह से भाजपा-सपा के मेल की बात करती है ? सब जानते है कि समाजवादी पार्टी ही सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ाई लड़ती रही है। भाजपा और बसपा दोनों ने नारी अस्मिता को लांछित करने और अभद्र भाषा के प्रयोग से राजनीति का स्तर गिराया है। इन दोनों दलों की ओछी मानसिकता ने सामाजिक मर्यादाओं को भी तार-तार किया है।