भीड़ से भरे रहने वाले इंदिरा भवन के परिसर का नजारा कुछ और ही था। यहां की दीवारें कैनवास बनी हुई थीं, करीब सौ युवा कलाकार हाथ में ब्रश और कलर लेकर मनोयोग से दीवारों पर चित्रकारी कर रहे थे। चंद घंटों में ही यहां की दीवारें भारतीय वैदिक संस्कृति की कहानी सुनाती दिखने लगी थीं।
कुंभ आर्ट फेस्ट
कुंभ आर्ट फेस्ट के तहत यह सब कुछ हुआ। श्रद्धा, भव्यता और रंगों से सरोबार इस उत्सव का आरंभ बेहद उत्साहवर्धक रहा। इसमें प्रदेश के 27 शहरों के रहने वाले फाइन आर्ट के छात्र और छात्राएं शामिल हुए। इन युवाओं को कुंभ कला उत्सव के थीम भारतीय वैदिक संस्कृति के अनुरूप योग, विज्ञान, संगीत इत्यादि विषय संबंधित चित्रण करने को कहा गया था।
युवा कलाकारों में उत्साह
कार्यक्रम की आयोजक संस्था के अध्यक्ष शान्तनु गुप्ता ने बताया कि इस उत्सव को लेकर युवाओं में बेहद उत्साह है। यह आयोजन युवा, कला और संस्कृति का संगम है। युवाओं को कला के माध्यम से जितनी आसानी से अपनी वैदिक संस्कृति से परिचय कराया जा सकता है वह किसी अन्य माध्यम से सम्भव नहीं है। यहां पर अधिकांश युवाओं ने पूजा-पाठ और आराधना में रत ऋषि-मुनियों और संतों के चित्र अंकित किए।
इंदिरा भवन की मुख्य दीवार पर भारतीय वैदिक संस्कृति से जुड़ी एक विशाल कलाकृति का चित्रण भी अभी किया जाएगा। यहां आए युवाओं ने बताया कि पेंट से लेकर सभी प्रकार की सामग्री संस्था उपलब्ध करा रही है और उन्हें यहां आकर बेहद आनंद मिल रहा है।