शहर के चर्चित दिव्या हत्याकांड में बुधवार को अदालत ने 125 पेज में अपना फैसला सुना दिया। मामले में मुख्य आरोपी पियूष वर्मा को उम्रकैद और 75 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। वहीं अन्य दो अभियुक्तों में उसके भाई सुधीर को एक साल तथा स्कूल के क्लर्क को एक साल कैद की सजा सुनाई है। मामले में पियूष के पिता स्कूल प्रबंधक चंद्रपाल वर्मा को बरी कर दिया
रावतपुर के भारती ज्ञानस्थली स्कूल में कक्षा-6 की छात्रा दिव्या उर्फ अनुष्का पढ़ती थी। 27 सितंबर 2010 को स्कूल में उसकी हालत गंभीर हो गई, सूचना पर पहुंची मां सोनू भदौरिया व परिजन उसे अस्पताल ले गए थे। अधिक रक्त स्राव के कारण अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। शिकायत पर पुलिस कार्रवाई को लेकर टालमटोल का रवैया अपना रही थी।
इसपर जनआंदोलन शुरू होने पर पुलिस हरकत में आई थी। बाद में पुलिस ने स्कूल प्रबंधक चंद्रपाल वर्मा, उसके बेटे मुकेश और पीयूष के साथ क्लर्क संतोष सिंह उर्फ मिश्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। तीन आरोपितों ने हाईकोर्ट से जमानत करा ली थी, हालांकि मुख्य आरोपित पीयूष को जमानत नहीं मिली थी।
सीबीसीआइडी ने की थी मामले की जांच
मामला सुर्खियों में आने के बाद शासन ने भी गंभीरता दिखाई थी। मामले की जांच सीबीसीआइडी ने की थी। कोर्ट में सीबीसीआइडी के विशेष लोक अभियोजक नागेश कुमार दीक्षित और एडवोकेट अजय सिंह भदौरिया पैरवी कर रहे थे। उन्होंने बताया कि मामले में कोर्ट ने 125 पेज में अपना फैसला सुनाया है। मुख्य अभियुक्त पियूष वर्मा को कुकर्म और हत्या में दोषी पाते हुए उम्रकैद और 75 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की राशि से आधी रकम पीडि़त को दी जाएगी। पियूष के भाई सुधीर वर्मा और स्कूल के क्लर्क संतोष कुमार सिंह को एक-एक वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। जबकि स्कूल प्रबंधक पिता चंद्रपाल वर्मा को दोष न पाए जाने पर बरी कर दिया है।
हाईकोर्ट में अपील करेंगे सोनू
दिव्या उर्फ अनुष्का की मां सोनू भदौरिया ने मुख्य अभियुक्त को सजा पर न्याय मिलने की बात कही। लेकिन उन्होंने कहा कि अन्य अभियुक्तों को उनके दोष से कम सजा मिली है, इसके लिए अब वह हाईकोर्ट में अपील दाखिल करेंगी।