कुंभ के दौरान शहर के भंडारे भी प्रशासन की निगरानी में होंगे। जांच के बाद ही भंडारों से श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया जा सकेगा। ऐसा एहतियातन किया जा रहा है।
दरअसल, मेला आदि में कई मर्तबा भंडारे का प्रसाद ग्र्रहण करने के बाद एक साथ कई श्रद्धालुओं की तबीयत खराब हो जाती है। कुंभ के दौरान इस तरह की घटना न हो, इसलिए भंडारा के प्रसाद की जांच की व्यवस्था की जा रही है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन को नोडल एजेंसी बनाया गया है। इसी क्रम में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम भंडारे के प्रसाद का नमूना लेगी, जिसकी जांच मौके पर ही की जाएगी। उसके बाद ही श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया जा सकेगा। भंडारे में जितनी मर्तबा प्रसाद तैयार होगा, उसकी जांच की जाएगी। यदि जांच कराए बगैर प्रसाद का वितरण किया गया तो कोई अनहोनी होने पर आयोजक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सड़क किनारे नहीं होंगे भंडारे :
कुंभ के दौरान सड़क किनारे भंडारों का आयोजन नहीं होगा। जिला प्रशासन भंडारों के लिए अलग स्थान चिह्नित कर रहा है। भंडारा आयोजित करने की इच्छुक संस्था अथवा व्यक्ति को पहले प्रशासन से अनुमति लेनी होगी।
प्रतिष्ठानों को दी जा रही नोटिस :
सिटी मजिस्ट्रेट विश्वभूषण ने बताया कि होटल, रेस्टोरेंट, मिठाई व नमकीन के प्रतिष्ठानों को भी नोटिस भेजा जा रहा है। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को गुणवत्ता पूर्ण खाद्य सामग्री ही उपलब्ध कराएंगे।
कुंभ के दौरान एहतियातन यह व्यवस्था की जा रही है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई है। सभी भंडारों के प्रसाद की सुबह, दोपहर और शाम को जांच की जाएगी। उसके बाद ही श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया जा सकेगा।
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