लखनऊ । केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती ने कहा कि मां गंगा का पानी निर्मल करना मेरे जीवन का लक्ष्यगंगा के निर्मलीकरण अभियान के सवाल पर सुश्री भारती ने कहा कि मां गंगा के साथ करोड़ों भारतीयों के साथ मेरी भी आस्था जुड़ी है।
कांग्रेस सरकारों की उपेक्षा और गंगा के नाम पर देश-दुनिया से धन लेकर अपनी तिजोरी भरने की साजिश के कारण गंगा मैली ही रहीं। मोदी सरकार आने के बाद मां गंगा का निर्मलीकरण युद्धस्तर पर किया जा रहा है। गंगा के पानी को निर्मल बनाना मेरे जीवन का लक्ष्य है। यदि मेरे कार्यकाल में गंगा का पानी निर्मल नहीं हुआ तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगी।
पार्टी मुख्यालय पर संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लखनऊ के गोमती नदी के तट पर रिवर फ्रंट प्रदेश सरकार बनाया है। लेकिन गोमती की सफाई करना भूल गए। अखिलेश सरकार ने रिवर फ्रंट योजना इसलिए बनाई, ताकि भूमाफियाओं और जमीनों पर कब्जे करने वालों को लाभ दिला सकें और भारी-भरकम राशि में वे अपने मंत्रियों व अधिकारियों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार का माल कमा सकें।
भाजपा की सरकार बनने पर रिवर फ्रंट योजना के घोटाले पर जांच होगी और जनता के पैसे का अपव्यय करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। साथ ही गोमती नदी के तट को प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण किया जाएगा। अखिलेश सरकार ने रिवर फ्रंट योजना गलत तरीके और अवैज्ञानिक तरीके से बनाया गया, जो गोमती नदी के पारिस्थिकीय संतुलन के लिए खतरा होने के साथ ही नागरिकों के जान-माल पर भी खतरे का सबब बनेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीब परिवार से आते हैं और गरीबी का दर्द जानते हैं, इसलिए गरीबों के कल्याण के लिए जीजान से काम रहे हैं। सामंती सोच वाले कांग्रेस, सपा-बसपा और वामपंथियों सहित कई राजनीतिक दलों को यह हजम नहीं हो रहा है कि गरीब और पिछड़े परिवार का एक बेटा मोदी प्रधानमंत्री बनकर निःस्वार्थ भाव से किसान, गरीब, नौजवान, दलित, पिछड़े और महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत करने में अपना जीवन समर्पित कर दिया है। ये दल मोदी का विरोध कर गरीबों और देश की जनता का विरोध कर रहे हैं।
बुंदेलखंड का पैसा सपा-बसपा, कांग्रेस के भ्रष्टाचार की भेंट
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लिए 3630 करोड़ रूपये आवंटित किये थे। इस आवंटन में से 1304 करोड़ रूपये राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कोष से प्रदेश सरकार को दिये। मोदी सरकार ने यह धन सीधे प्रभावित लोगों के बैंक खाते में भेजने के लिए दिया था। लेकिन अखिलेश सरकार इस धन को प्रभावितों तक पहुंचाया ही नहीं गया।
केंद्र सरकार ने महोबा, चित्रकूट और बांदा, बुन्देलखण्ड क्षेत्र को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए योजना बनाई थी, लेकिन सपा सरकार ने यह योजना सफल नहीं होने दी।उन्होंने कहा कि अप्रैल 2016 में नीति आयोग ने प्रदेश सरकार के साथ अर्जुन सहायक, वरूणा और बाना सागर सिंचाई परियोजना की समस्याओं को सुलझाने के लिए एक बैठक की, लेकिन अखिलेश सरकार की निष्क्रियता और असहयोग के कारण यह परियोजना परवान नहीं चढ़ सकी।