लखनऊ। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट गामती रीवर फ्रंट में हुए घोटाले की पूरी जांच अभी आनी बाकी है जबकि अनियमितताओं की गाज गिरनी शुरू हो गई है। सरकार ने बुधवार को पैसे के घालमेल में सहायक अभियंता अनिल कुमार यादव को निलंबित कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि गत 27 मार्च को सीएम आदत्यिनाथ रीवरफ्रंट का जायजा लेने गोमती तट पर गए थे। योगी करीब 45 मिनट तक वहां रुके थे।उन्होंने वहां गड़बड़ियां और गंदगी देखकर उन्होंने अफसरों को फटकार लगाई गई थी।
इस प्रोजेक्ट में कितना रुपया कहां खर्च हुआ इस बारे में अधिकारियों से एक-एक रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद इस प्रोजेक्ट में घोटाले की आशंका को देखते हुए उन्होंने जांच टीम गठित की थी। इसी मामले में अफसरों पर गाज गिरनी शुरू हो चुकी है। बुधवार को सहायक अभियंता अनिल कुमार यादव को सस्पेंड कर दिया गया है।
सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि गोमती रीवर फ्रंट प्रोजेक्ट की जांच चल रही है। वित्तीय अनयिमतिताएं मिलने पर ही अनिल यादव को निलंबित किया गया है उनसे घोटाले का पैसा भी वसूला जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस घोटाले में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। सरकारी पैसे की पाई-पाई का हिसाब लिया जाएगा। जिस अधिकारी को भी वित्तीय अनियमितता के दोषी पाया गया तो उससे पैसे की वसूली की जाएगी।
दरअसल, गोमती रीवर फ्रंट के तहत लखनऊ शहर के अंदर गोमती नदी के दोनों तटों का सौंदर्यीकरण किए जाने का प्रोजेक्ट है। इसके तहत किनारे में जॉगिंग ट्रैक, किड्स प्ले एरिया, स्टेडियम, फव्वारा और लाइटिंग की व्यवस्था हैं।
लखनऊ में कुड़िया घाट से लेकर लामार्टिनियर स्कूल तक 12.1 किलोमीटर का रिवरफ्रंट बना है। इसपर तीन हज़ार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। लन्दन के टेम्स नदी की तर्ज पर इसे बनाया जा रहा है। मार्च 2017 तक इसे पूरा होना था लेकिन अभी आधे से ज्यादा काम बाकी है 1700 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च हो चुके हैं।