Thursday , January 9 2025
राज्य सरकार के लीकर परमिट के नियमों में परिवर्तन कर उन्हें सख्त बनाने के खिलाफ सेना के सेवा निवृत जवानों ने राजधानी गांधीनगर के सत्याग्रह छावनी में विरोध प्रदर्शन कर उसमें छूट की मांग की है। भारी तादाद में आए इन जवानों ने कहा कि शराब उनके लिए टानिक का काम करता है। इसलिए इसकी शर्तों में छूट होनी चाहिए। इन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे 22 जुलाई को गांधीनगर में शक्ति प्रदर्शन करेंगे। सेना के जवानों ने 15 दिन व्यसन मुक्ति केंद्र में रहने और तीन डॉक्टरों की पैनल द्वारा यूनिट निर्धारण का विरोध किया है। सेना के इन जवानों का कहना है कि शराब इनके लिए टानिक है, व्यसन नहीं है। इसलिए इन्हें विविध नियमों से छूटछाट मिलना चाहिए। भूतपूर्व सैन्य शक्ति एकता नामक संगठन द्वारा किए गए इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले अशोक परमार ने बताया कि पूर्व सैनिकों को सरकार द्वारा किए गए विविध निर्णय मंजूर नहीं है। सेना के ये जवान विविध मोर्चों पर रहकर शराब का सेवन करते हैं। उनके लिए यह दारू नहीं परन्तु दवा का काम करती है। इसलिए सरकार का इसप्रकार का निर्णय सेना के पूर्व जवानों पर लागू नहीं होना चाहिए। संगठन ने इसके लिए सरकार को एक महीने का समय दिया है। यदि सरकार इस दौरान निर्णय नहीं करेगी तो 22 जुलाई को राजधानी गांधीनगर में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया जाएगा।

गुजरातः सेना के रिटायर्ड जवानों ने किया प्रदर्शन, शराब की परमिट में छूट की मांग

राज्य सरकार के लीकर परमिट के नियमों में परिवर्तन कर उन्हें सख्त बनाने के खिलाफ सेना के सेवा निवृत जवानों ने राजधानी गांधीनगर के सत्याग्रह छावनी में विरोध प्रदर्शन कर उसमें छूट की मांग की है। भारी तादाद में आए इन जवानों ने कहा कि शराब उनके लिए टानिक का काम करता है। इसलिए इसकी शर्तों में छूट होनी चाहिए। इन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे 22 जुलाई को गांधीनगर में शक्ति प्रदर्शन करेंगे।राज्य सरकार के लीकर परमिट के नियमों में परिवर्तन कर उन्हें सख्त बनाने के खिलाफ सेना के सेवा निवृत जवानों ने राजधानी गांधीनगर के सत्याग्रह छावनी में विरोध प्रदर्शन कर उसमें छूट की मांग की है। भारी तादाद में आए इन जवानों ने कहा कि शराब उनके लिए टानिक का काम करता है। इसलिए इसकी शर्तों में छूट होनी चाहिए। इन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे 22 जुलाई को गांधीनगर में शक्ति प्रदर्शन करेंगे।  सेना के जवानों ने 15 दिन व्यसन मुक्ति केंद्र में रहने और तीन डॉक्टरों की पैनल द्वारा यूनिट निर्धारण का विरोध किया है। सेना के इन जवानों का कहना है कि शराब इनके लिए टानिक है, व्यसन नहीं है। इसलिए इन्हें विविध नियमों से छूटछाट मिलना चाहिए।  भूतपूर्व सैन्य शक्ति एकता नामक संगठन द्वारा किए गए इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले अशोक परमार ने बताया कि पूर्व सैनिकों को सरकार द्वारा किए गए विविध निर्णय मंजूर नहीं है। सेना के ये जवान विविध मोर्चों पर रहकर शराब का सेवन करते हैं। उनके लिए यह दारू नहीं परन्तु दवा का काम करती है। इसलिए सरकार का इसप्रकार का निर्णय सेना के पूर्व जवानों पर लागू नहीं होना चाहिए।  संगठन ने इसके लिए सरकार को एक महीने का समय दिया है। यदि सरकार इस दौरान निर्णय नहीं करेगी तो 22 जुलाई को राजधानी गांधीनगर में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया जाएगा।

सेना के जवानों ने 15 दिन व्यसन मुक्ति केंद्र में रहने और तीन डॉक्टरों की पैनल द्वारा यूनिट निर्धारण का विरोध किया है। सेना के इन जवानों का कहना है कि शराब इनके लिए टानिक है, व्यसन नहीं है। इसलिए इन्हें विविध नियमों से छूटछाट मिलना चाहिए।

भूतपूर्व सैन्य शक्ति एकता नामक संगठन द्वारा किए गए इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले अशोक परमार ने बताया कि पूर्व सैनिकों को सरकार द्वारा किए गए विविध निर्णय मंजूर नहीं है। सेना के ये जवान विविध मोर्चों पर रहकर शराब का सेवन करते हैं। उनके लिए यह दारू नहीं परन्तु दवा का काम करती है। इसलिए सरकार का इसप्रकार का निर्णय सेना के पूर्व जवानों पर लागू नहीं होना चाहिए।

संगठन ने इसके लिए सरकार को एक महीने का समय दिया है। यदि सरकार इस दौरान निर्णय नहीं करेगी तो 22 जुलाई को राजधानी गांधीनगर में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया जाएगा।

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