पटना। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की राष्ट्रीय सचिव सीमा सक्सेना ने गोपालगंज में ज़हरीली शराब पीने से हुई 13 लोगों की मौत को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि अगर स्थानीय पुलिस और प्रशासन इन मौतों के पीछे ज़हरीली शराब से इनकार कर रही है तो उसे ये बताना चाहिए कि मंगलवार को अचानक ऐसा क्या हो गया कि एक के बाद एक करके इतने लोग मर गए? अगर ये मौत किसी बीमारी से हुई है तो फिर उन्हीं लोगों को ये बीमारी कैसे हुई, जो गोपालगंज के नगर थाना क्षेत्र के हरखुआ में उस ठिकाने पर गए थे, जहां अवैध शराब भट्ठी चलाई जाने की बात आसपास के सभी लोग कह रहे हैं।रालोसपा सचिव ने कहा कि ये मौतें एक बड़ी प्रशासनिक चूक हैं। शराबबंदी में शराब का निर्माण और कारोबार जारी रहना ये बताता है कि सरकार, पुलिस, प्रशासन नाकाम साबित रहे हैं। ज़हरीली शराब से बिहार में हो रही मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। शराबबंदी लागू हुए साढ़े चार महीने हो गए और इस दौरान ज़हरीली शराब से 30 से ज्यादा मौत हो चुकी है। गोपालगंज से पहले भी पटनासिटी, औरंगाबाद, बेतिया और खगड़िया में ज़हरीली शराब से लोगों की मौत हुई है। हर बार पुलिस-प्रशासन ने इन मौतों को कभी बीमारी तो कभी फूड प्वॉयज़निंग से जोड़कर जांच में लीपापोती की कोशिश की है।रालोसपा सचिव ने कहा कि बिहार की महागठबंधन सरकार का कानून-व्यवस्था पर नियंत्रण कमज़ोर होने और किसी भी नीति-कानून-योजना को लागू कर पाने में अक्षमता का फायदा उठाकर शराब माफिया शराबबंदी का मजाक बना रहे हैं। सीमा सक्सेना ने बिहार की जनता खासकर महिलाओं से अपील की है कि चूंकि सरकार शराबबंदी को लागू कराने में नाकाम रही है, इसलिए अब जनता को ही ऐसे तत्वों के खिलाफ जागरुक होना होगा।
		
		
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