लखनऊ। भगवान शिव के प्राचीन मनकामेश्वर मठ मंदिर में श्रावण मास के प्रथम सोमवार को महादेव का भव्य अभिषेक किया गया। पहले रात दो बजे 101 लीटर दूध शिवलिंग पर भक्तों द्वारा चढ़ाया गया। फिर महंत देव्या गिरि जी महाराज ने भगवान शिव की मंगल महाआरती की। करीब 45 मिनट तक महाआरती के बाद सेवादारों व लड़कियों द्वारा मां गोमती का जल मटकी से शिवलिंग पर चढ़ाया गया। महंत जी ने सभी श्रद्धालुओं को गोमती नदी के जल का महत्व बताया।
रात 12 बजे से लाइन में उमड़े श्रद्धालु –
रविवार की रात 12 बजते ही मनकामेश्वर मठ मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की कतार लग गई। हसनगंज कोतवाली के प्रभारी दिनेश सिंह की अगुवाई में स्थानीय पुलिस डटी रही। प्रशासन द्वारा बैरिकेडिंग की गई। जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने महाआरती के बाद खोले गए पट से महादेव शिव की गर्भ गृह तक पहुंचकर बेल पत्री, धतूरा, फूल और प्रसाद चढ़ाया।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर पैनी नजर-
मंदिर प्रशासन की ओर से मंदिर के सभी गेटों, गर्भ गृह में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। जिससे कंप्यूटर पर उनकी निगरानी की गई। महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला पुलिस ड्यूटी पर मुस्तैद रहीं। स्थानीय पुलिस के साथ एटीएस, एसटीएफ, क्राइम ब्रांच के लोग सिविल यूनिफार्म में चौकसी करते रहे।
हर हर महादेव से गुंजायमान रहे शिवालय-
सावन के पहले सोमवार पर राजधानी के तमामशिवालयों में दिन भर भगवान शंकर की अराधना का दौर चला। भक्त सुबह से शाम तक रुद्राभिषेक कर अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए मंदिरों में उमड़े। मंदिरों और शिवालयों के कपाट भोर से ही श्रद्धालुओं के लिये दर्शन-पूजन के लिये खोल दिया गया।
राजेंद्रनगर में सुबह उज्जैन महाकाल की तर्ज पर भस्म आरती हुई। इसके साथ ही कल्याण गिरि, बुद्धेश्वर महादेव मंदिरा में भक्त सुबह से ही भोले भंडारी की पूजा-अर्चना को जुटे। मंदिरों के बाहर मेले जैसा रौनक रहा।
राजेन्द्रनगर द्वितीय मार्ग स्थित महाशिव मंदिर शिवालय मंदिर में सोमवार की भोर से पहले आधे घंटे तक भस्म आरती की गई। उज्जैन के महाकाल की तर्ज पर भोले बाबा को सजाया गया। मंदिर में भोर पौने चार बजे से लेकर रात 9 बजे तक अलग-अलग समय पर रुद्राभिषेक समेत धार्मिक आयोजनों का दौर चलता रहा।
चौक के कोनेश्वर मंदिर में सावन केपहले सोमवार पर दर्शनों केलिये कपाट भोर से ही खोल दिये गये। दिन भर भक्तों की अलग-अलग कतारें दर्शनों के लिए लगी रही। मंदिर में दिन भर रुद्राभिषेक श्रृंगार का दौर चला। दिन भर पूजन अभिषेक के बाद शाम से रात तक ब्राह्मïण पाठ का आयोजन किया गया। ठाकुरगंज स्थित प्राचीन कल्याण गिरि मंदिर में भी भोर से ही भक्तों के लिए कपाट खोल दिए गये। यहां दिन भर भक्त मुख्य शिवालय समेत अन्य शिवालयों में रुद्राभिषेक कर अपनी मनोकामना पूरी की। इसके बाद शाम को यहां पूरे मंदिर परिसर में भव्य श्रृंगार किया गया। महाआरती के बीच भजन संध्या का भी आयोजन किया गया। चौपटियां केप्राचीन छोटे और बड़े शिवालयों में दिन भर भक्तों की भीड़ रही। बड़े शिवालय मेंं सुबह रुद्राभिषेक के बाद शाम को श्रृंगार महाआरती देखने लायक थी। गोमतीनगर स्थित द्वादश ज्योर्तिलिंग मंदिर में ब्रह्मïमूहूर्त में श्रृंगार-अभिषेक का आयोजन किया गया। सावन के पहले सोमवार को शहर के खास मंदिरों में भण्डारे का भी आयोजन किया जहां भक्तों की भीड़ रही।