लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी से शिष्टाचारिक भेंट की। राज्यपाल ने इस अवसर पर राष्ट्रपति को अपने द्वितीय वर्ष के कार्यवृत्त ‘राजभवन में राम नाईक 2015-16‘ की प्रति भेंट की। राज्यपाल ने भेंट के दौरान राष्ट्रपति से मथुरा, कैराना एवं दादरी सहित अन्य विषयों पर भी चर्चा की। उल्लेखनीय है कि गत 13 जुलाई को राज्यपाल दिल्ली दौरे पर गये थे जहां उन्होंने उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह सहित अन्य केन्द्रीय मंत्रियों से मुलाकात की थी। इसके बाद राष्ट्रपति के दार्जिलिंग भ्रमण पर जाने के कारण उनसे राज्यपाल की भेंट नहीं हो सकी थी।
राजभवन से जारी बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्यपाल राम नाईक को मथुरा, कैराना और दादरी मामलों पर रिपोर्ट भेजी थी जो गत 29 जून को मिली हुई थी। राज्यपाल ने इस रिपोर्ट का अध्ययन कर गत 9 जुलाई को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति के संज्ञान के लिए भेज दी है।
इस दौरान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्यपाल रामनाईक को यह भी अवगत कराया कि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे और अतिक्रमण को लेकर उनके सुझाव पर कार्यवाही की जा रही है। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को बताया था कि मुख्य सचिव के माध्यम से सभी मंडलायुक्तों को पत्र भेजकर जानकारी मांगी गई है कि सरकारी जमीनों पर कब से और कितने अवैध कब्जे हुए हैं तथा उस जमीन की मौजूदा स्थिति क्या है। सरकारी भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त कराने के संबंध में किस प्रकार कार्यवाही की जाएगी इस संबंध में भी मंडलायुक्तों से जानकारी मांगी गई है।
मालूम हो कि राज्यपाल ने गत 2 जून को मथुरा के जवाहरबाग में अवैध कब्जेदारों को हटाने के लिए गए पुलिस दल पर उपद्रवियों द्वारा हमले तथा उसमें 2 पुलिस अधिकारियों समेत 29 लोगों के मारे जाने की मुख्यमंत्री से रिपोर्ट मांगी थी। इसके अलावा उन्होंने शामली जिले के कैराना क्षेत्र से हिन्दू परिवारों के कथित पलायन तथा दादरी के बिसाहड़ा में पिछले साल हुए कांड के बाद के घटनाक्रम की भी रिपोर्ट तलब की थी।
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