नयी दिल्ली । घर का काम, ऑफिस की व्यस्तता और बच्चों की जिम्मेदारी के चक्कर में अकसर हम इतना तनाव महसूस करते हैं कि इसका असर हमारे शरीर पर पड़ने लगता है। बार-बार बीमार हो जाना, जल्दी थकान होना, आलस आना आदि तनाव के कारण ही होते हैं।
अगर आपकी नींद पूरी नहीं हो रही है तो समझ जाएं कि इसका कारण तनाव है। एक एडल्ट को दिन में 7 से नौ घंटे नींद लेने की जरूरत है। नींद पूरी होने से आपको चिड़चिड़ाहट नहीं हो पाती और आपमें ऊर्जा बनी रहती है।
तनाव को दूर रखने में काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। आप चाहें तो मांसपेशियों को आराम देने वाली कई प्रकार की थैरेपी भी ट्राई कर सकते हैं। इसके अलावा मालिश भी अच्छा ऑप्शन है।
जरूरी है रेगुलर चेकअप…
अगर आपके घर में कोई शांत कमरा है तो दिन में 15-20 मिनट वहां गुज़ारें। बड़े शहरों में अक्सर घरों में शांति नहीं मिल पाती। किसी म्यूज़ियम, लाइब्रेरी या फिर धार्मिक जगह पर भी जा कर बैठ सकते हैं। कई बार खामोशी ही बड़े से बड़े मर्ज़ की दवा बन जाती है।
हरे रंग का इंसान पर अच्छा असर होता है। इससे शांति का एहसास मिलता है। यह भी साबित किया जा चुका है कि जो लोग किसी पार्क के पास रहते हैं या जिनके घर में आंगन होता है, अन्य शहरी लोगों की तुलना में उनका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
अगर आप वर्किंग है और दिन भर दफ्तर में रहते हैं और उसके बाद का समय दोस्तों और रिश्तेदारों के बीच बिताते हैं तो जनाब थोड़ा समय अपने लिए भी निकालें।
फ्लैट टमी की चाहत करें पूरी….
कंप्यूटर के सामने बैठकर काम करते रहने से खून में स्ट्रेस हार्मोन की मात्रा बढ़ने लगती है। इसे कम करने के लिए काम के ब्रेक लेते रहे। कुछ देर ताजा हवा में टहल कर आएं, स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज से भी फर्क पड़ता है और आप तरो ताज़ा महसूस करते हैं।
आप नाश्ता नहीं करते हैं? बहुत अधिक फास्ट फूड, हैवी डाइट लेते हैं? या फिर खाने का कोई टाइम ही नहीं है? आपके खानपान से जुड़ी ये आदतें तनाव बढ़ाने और आपको कई रोगों का शिकार बनाने के लिए काफी हैं। इसलिए अपने खान-पान की आदतें सुधारें।
तनाव को कम करने के लिए जितने आपके मित्र कारगर हो सकते हैं, उतनी दवाई भी नहीं हो सकती है। अपनी समस्याओं के बारे में उनसे बात करने से आपकी आधी परेशानी तो वैसे ही कम हो जाती है और बाकी आधी आप अपने मित्रों के मार्गदर्शन और उनकी मदद से दूर कर सकते है।
बहुत से लोग तनाव में शराब और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं। लेकिन ऐसा करने से कभी हमें कोई फायदा नहीं होता, उल्टा हम गंभीर रोगों को अपने शरीर में बुला रहे होते हैं। इसलिए अपने मन को मज़बूत करें और हमेशा पॉजिटिव रहें।