न्यूयार्क: मां का दूध नवजात की प्रतिरोधी क्षमता में उसी तरीके से बढ़ोतरी करती है जिस प्रकार क्षय रोग (टीबी) जैसे रोगों के खिलाफ टीकाकरण काम करता है। एक नए शोध से यह जानकारी मिली है।
अमेरिका के कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय के रिवरसाइड स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर और प्रमुख शोधकर्ता अमीए वॉकर का कहना है, “कुछ टीके नवजात को लगाने के लिए सुरक्षित नहीं होते और कुछ उतने सही तरीके से असरदार भी नहीं होते हैं।”
वॉकर का कहना है कि, “इसकी बजाए अगर हम मां का गर्भावस्था से ठीक पहले टीकाकरण करें या टीकाकरण को प्रभावी बनाएं तो स्तनपान के दौरान प्रतिरक्षी कोशिकाएं बच्चे के शरीर में पहुंच कर उसे बीमारियों से शुरू में ही ज्यादा सुरक्षित बनाती हैं।”
वैज्ञानिकों को यह बात लंबे समय से पता है कि मां का दूध एंटीबॉडीज के हस्तांतरण के माध्यम से बच्चे में कई संक्रमण के खिलाफ प्रतिरक्षा तंत्र तैयार करता है। इस प्रकिया को ‘निष्क्रिय प्रतिरोधक क्षमता’ कहते हैं।
नए शोध से यह पता चला है कि मां का दूध बच्चे के खुद के प्रतिरक्षा तंत्र को विकसित करने में भी मदद करता है जिसे शोध दल ने ‘मातृ शिक्षा प्रतिरोधक क्षमता’ कहा है।
शोधकर्ताओं ने क्षय रोग को लेकर चूहों पर यह शोध किया है। सामान्यत: नवजात को अगर क्षय रोग के खिलाफ टीका लगाया जाए तो वह अधिक प्रभावी नहीं होता है।
वॉकर का कहना है, “हमें उम्मीद है कि मां का टीकाकरण करने से हम टीवी के खिलाफ नवजात की प्रतिरोधक क्षमता में सुधार कर सकते हैं। हालांकि अभी इसका सिर्फ क्लिनिकल ट्रायल ही हुआ है और इसे मनुष्यों पर जांच करना बाकी है कि यह काम करता है या नहीं।”