दिल्ली।आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर ने जिहादी गुटों से कश्मीर में अपनी सक्रियता बढ़ाने के लिए कहा है। जैश-ए-मोहम्मद की साप्ताहिक पत्रिका अल-क़लाम में प्रकाशित अज़हर की अपील में कहा गया है कि “निर्णायक फैसला लेने में दिखाई गई देरी” से पाकिस्तान कश्मीर में “ऐतिहासिक मौका” खो सकता है।
अज़हर की ये अपील ऐसे समय में आई है जब उरी हमले और भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते तल्ख हैं। भारत लगातार पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता रहा है। पाकिस्तान स्थित भारत विरोधी जिहादी गुटों पर कार्रवाई के मसले पर पाकिस्तानी सरकार और पाकिस्तानी सेना के बीच मतभेद की भी खबरें आई हैं। भारत के पठानकोट में हुए आतंकी हमले के लिए जैश-ए-मोहम्मद ही जिम्मेदार था।
जैश की पत्रिका अल-कलाम में छपे लेख में मसूद ने लिखा है कि पाक सरकार को भारत के खिलाफ आतंकी घटनाओं में इजाफा करने की अनुमति देनी चाहिए। निर्णय न लेने के कारण पाकिस्तान कश्मीर पर कब्जे के ‘ऐतिहासिक अवसर’ खो देगा। आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर ने कहा है कि अगर पाकिस्तान सरकार थोड़ी हिम्मत दिखाए तो कश्मीर और जल विवाद हल हो सकता है।
इसके लिए सरकार को केवल जिहादियों के लिए मार्ग खोलना है। फिर तो 1971 की कड़वी यादें भी खत्म हो जाएंगी। अज़हर ने आगे लिखा है कि भारत अखण्ड भारत बनाना चाहता है लेकिन जिहादियों की मौजूदगी के कारण उसके मंसूबे पूरे नहीं हो रहे हैं क्योंकि जिहादियों ने “उसके हर अंग को घायल कर दिया है।” अज़हर ने लिखा है, भारत की “सैन्य क्षमता की पोल पठानकोट और उरी में खुल चुकी है।”
उरी हमले के बाद पीओके में भारतीय सेना की आतंकियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक पर लगभग सभी देश भारत के साथ हैं। आतंकवाद के मुद्दे पर भारत लगातार पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर बेनकाब कर रहा है। उधर, अमेरिका भी आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करने को लेकर पाकिस्तान पर दबाव डाल रहा है।
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