भारतीय फिल्म जगत में 70 के दशक को फिल्मी दुनिया के महान अभिनेताओं के लिए पहचाना जाता है। इस समय देश में कई बड़े सितारे हुआ करते थे और उनमें से एक विनोद मेहरा भी हैं। विनोद मेहरा का जन्म 13 फरवरी 1945 को अमृतसर में हुआ था वे भारतीय सिनेमा के एक सफल अभिनेता थे। विनोद मेहरा की मृत्यु 30 अक्टूबर 1990 को मुम्बई में हुई थी।
विनोद मेहरा ने अपने फिल्मी करियर में 100 से अधिक फ़िल्मों में अभिनय किया था। वर्ष 1958 फ़िल्म रजनी में एक बाल कलाकार के रूप में किशोर कुमार की भूमिका निभाने वाले चरित्र के छोटे संस्करण के रूप में विनोद मेहरा ने फिल्म करियर की शुरुआत की थी। इन्होने तीन शादियाँ की थी, मीना ब्रोका इनकी पहली पत्नी थी, बिंदिया गोस्वामी इनकी दूसरी पत्नी जिनके साथ विनोद ने कई फ़िल्मों में काम किया और किरण विनोद मेहरा की तीसरी पत्नी थी। किरण और विनोद की एक बेटी सोनिया और एक बेटा रोहन है। जानकारी के अनुसार विनोद मेहरा और रेखा की नजदीकियाँ और रोमांस की चर्चाएँ बॉलीवुड में कई दिनों तक सुर्खियों में रहीं।कहा जाता है कि इन दोनों ने शादी भी की थी। लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है ये तो विनोद और रेखा ही जानते हैं।
विनोद मेहरा के फ़िल्म करियर के मौसम को खुशनुमा बनाने में अभिनेत्री मौसमी चटर्जी का योगदान रहा है। शक्ति सामंत की फ़िल्म अनुराग 1972 में मौसमी चटर्जी और विनोद मेहरा पहली बार साथ नजर आए। इस फिल्म में मौसमी ने एक दृष्टिहीन युवती का रोल संजीदगी के साथ किया था। विनोद एक आदर्शवादी नायक थे और अपने पिता की इच्छा के विरुद्ध वह मौसमी से शादी करना चाहते थे। इसके बाद विनोद फ़िल्म उस पार, दो झूठ और स्वर्ग नरक में मौसमी के साथ मुख्य भूमिका में रहे थे।
विनोद मेहरा की प्रमुख फिल्में
लाल पत्थर (1972), अनुराग (1972), सबसे बड़ा रुपैया (1976), नागिन (1976), अनुरोध (1977), साजन बिना सुहागन (1978), घर (1978), दादा (1979), कर्तव्य (1979), अमर दीप (1979), जानी दुश्र्मन (1979), बिन फेरे हम तेरे (1979), द बर्निंग ट्रेन (1980), टक्कर (1980), ज्योति बने ज्वाला (1980), प्यारा दुश्र्मन (1980), ज्वालामुखी (1980), साजन की सहेली (1981), बेमिसाल (1982), स्वीकार किया मैंने (1983) लॉकेट (1986, प्यार की जीत (1987)