होशंगाबाद । जिले में बिना जीपीएस स्टिम के जननी एक्सप्रेस को एक साल तक चलाए जाने के बाद बकाया 32 लाख का भुगतान किए जाने पर एनएचएम के अधिकारी डॉक्टर मनोज द्विवेदी ने रिपोर्ट तलब करने को कहा है तथा नाराजगी व्यक्त की है कि बिना जीपीएस सिस्टम जननी एक्सप्रेस चलाने वाले उनके संचालकों पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई। भ्रष्टाचार की गढ़ बनी जिला चिकित्सालय में एक से एक नए कारनामें उजागर हो रहे है जिसमें जननी संचालकों ने बिल प्रस्तुत किए जाने पर हुए इस भारी भुगतान में यह तक नहीं पता हो सका कि उस जननी एक्सप्रेस जिले में कहॉ किस काम के लिए दौड़ाई गई जो जॉच का विषय होने से मामला गंभीर हो गया है।
जननी संचालकों ने भुगतान को लेकर हाल ही में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया था और आन्दोलन की धमकी दी गई थी जिसके दबाव में आकर स्वास्थ्य विभाग ने 32 लाख का भुगतान कर दिया जबकि एनएचएम विभाग के अधिकारी रिपोर्ट देखना चाहते थे कि बिना जीपीएस सिस्टम के संचालित यह जननी कहॉ-किसके द्वारा उपयोग में लाई गई थी तथा जिन जननी संचालकों ने यह सिस्टम हटा लिए तब उन पर क्या कार्रवाई की गई।
जिला चिकित्सालय में जननी के इस भुगतान को लेकर विभाग में दो गुट हो गये जिसमें सिविल सर्जन डाक्टर रविशर्मा का इस अनियमित भुगतान को लेकर संरक्षण है वहीं जिला कार्यक्रम अधिकारी डाक्टर मनोज द्विवेदी इस भुगतान से पूर्व रिर्पोट देखना चाहते है कि जो भुगतान किया जा रहा है वह फाल्स तो नहीं, आखिर उन्होंने अपनी नाराजी व्यक्त कर दी जिससे सिविल सर्जन शक के दायरे में आ गए है।
इस अनियमित भुगतान के बाद अब चर्चा है कि जल्द ही जिले के मुख्यालयों के जननी के काल सेन्टरों को बंद कर दिया जायेगा और इसके लिये १०८ एम्बुलेस की तर्ज पर भोपाल से ही सेंट्रलाईज कन्ट्रोल रूम से इनका संचालन किया जायेगा ताकि वे जननी एक्सप्रेस की हर मूवमेंट पर नजर रख सके। अगर यह व्यवस्था चालू हो जाती है तो जननी एक्सप्रेस संचालकों की मनमानी पर रोक लग जायेगी और जिले के अधिकारियों का नियंत्रण खत्म होने से इसका दुरूपयोग रूक जायेगा तथा जनता को यह सुविधा आसानी से मिलने से इसमें सुधार होगा।
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