पटना। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के पुत्र और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने कहा कि भाजपा हर मामले में अपना चलाना चाहती है। चित भी इनकी, पट भी इनकी। कर्नाटक के राज्यपाल अगर भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं तो राष्ट्रपति से हमारी मांग है कि पिछले दरवाजे से बनी सरकार को बर्खास्त करने का निर्देश देकर बिहार की सबसे बड़ी पार्टी को मौका मिलना चाहिए। लोकतंत्र में एक जैसे मामले में दो मापदंड नहीं होने चाहिए।
जदयू ने तेजस्वी के बयान पर पलटवार किया है। तेजस्वी यादव ने भाजपा पर कर्नाटक में हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि अगर बिहार में चुनाव बाद गठबंधन को निमंत्रण देकर सरकार बनवाई जा सकती है तो कर्नाटक में क्यों नहीं। देश में एक ही संविधान है, लेकिन भाजपा ने उसका मजाक बना दिया है।
तेजस्वी ने कहा कि भाजपा किस जनादेश के अपमान की बात कर रही है? सबसे पहले उसने जदयू के साथ मिलकर जनादेश का अपमान किया था। अब कर्नाटक में भी वही किया जा रहा है। तेजस्वी ने पूछा कि भाजपा बहुमत साबित करने के लिए बाकी विधायक कहां से लाएगी? उन्होंने कहा कि कर्नाटक में भाजपा को सरकार बनाने का मौका दिया जाता है तो मैं सभी विपक्षी दलों से अपील करता हूं कि वे बेंगलुरू में एकजुट होकर धरना-प्रदर्शन करें। तेजस्वी के इस बयान का समर्थन कांग्रेस ने भी किया है। कांग्रेस विधायक रामदेव राय ने कहा कि तेजस्वी परेड करें। हम उनके साथ हैं। कुछ लोग लोकतंत्र को बर्बाद कर रहे हैं। लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।
वहीं, जदयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि तेजस्वी को अभी फिजूल की बातों पर समय नष्ट नहीं करना चाहिए। पुत्र धर्म का पालन करते हुए अपने पिता लालू यादव का अच्छे जगह इलाज करवाना चाहिए। उन्हें परेड कराने से कौन रोक रहा है। परेड करवायें। लेकिन बलात्कार के केस में जेल में बंद राजवल्लभ यादव को कैसे ले जायेंगे। पहले दागी विधायकों को जेल से निकालें। अन्य प्रक्रिया पूरी करें और तब परेड की सोंचे।
बता दें कि कर्नाटक में चुनावों के नतीजे आने के बाद भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। लेकिन दूसरे नंबर पर खड़ी कांग्रेस ने तत्काल तीसरे नंबर की पार्टी जदएस के नेता कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाने का न्योता देकर भाजपा की राह रोकने की कोशिश की थी। इस बीच भाजपा को राज्यपाल ने सरकार बनाने का न्योता दिया। सरकार बनाने के दावे को लेकर मची होड़ के बीच कांग्रेस और जेडीएस आधी रात को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, लेकिन राज्यपाल के बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट से भी निराश होकर लौटना पड़ा।
गुरुवार की सुबह बीएस येद्दयुरप्पा को राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। गौरतलब है कि विधानसभा की कुल 224 में से 222 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा को 104, कांग्रेस को 78, सहयोगी बसपा के साथ जदएस को 38 और अन्य को दो सीटें मिली हैं। ऐसे में बहुमत के लिए जरूरी 112 के आंकड़े के सबसे करीब भाजपा ही रही।
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal