नई दिल्ली। राज्यसभा में गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह द्वारा नोटबंदी के प्रबंधन को सबसे बड़ी विफलता बताया था जिसपर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कड़े शब्दों में पलटवार करते हुए कहा, ‘यह निराशाजनक है कि हमें उन लोगों से इस बारे में सुनना पड़ रहा है, जिनकी सरकार के दौरान सबसे ज्यादा काला धन पैदा हुआ, सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार हुआ और घोटाले सामने आए।’
अरुण जेटली ने यह भी आरोप लगाया कि विपक्षी दल गुरुवार सुबह उस समय भौंचक्के रह गए थे, जब उन्हें बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक की गई नोटबंदी के फैसले को लेकर संसद में बोलेंगे।
उन्होंने कहा कि इसी घोषणा के चलते 16 नवंबर को शुरू हुई बहस गुरुवार को आगे बढ़ पाई। अरुण जेटली ने यह भी कहा, वैसे सुधार के लिए उठाए गए इस कदम को लेकर चर्चा करने की विपक्ष की वास्तव में कोई मंशा नहीं है। अरुण जेटली ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से प्रधानमंत्री के बोलने की मांग करते हुए कार्यवाही को बाधित करने वाले विपक्ष के पास गुरुवार को कोई बहाना नहीं बचा था, और वह बहस के लिए अनिच्छुक थी, और तैयार भी नहीं थी।