टीचर और बच्चों के बीच रिश्ता जानना हो तो लोगों को तिरुवल्लूर के वेलीगरम स्थित सरकारी हाई स्कूल के अंग्रेजी शिक्षक जी. भगवान को लेकर वहां के बच्चों की आंखों से बहते आंसू को देखना चाहिए। बच्चों की आंखों में आंसू इसलिए थे क्योंकि उनके प्रिय अंग्रेजी शिक्षक का ट्रांसफर कहीं और कर दिया गया था।
दरअसल मामला यह है कि तिरुवल्लूर के वेलीगरम स्थित सरकारी हाई स्कूल के अंग्रेजी शिक्षक जी. भगवान का ट्रांसफर कहीं और कर दिया गया था। इस खबर को सुनकर स्कूल के बच्चे भावुक हो गए और वे अपने शिक्षक को कहीं नहीं जाने पर अड़ गए। रोते-बिलखते इन बच्चों की तस्वीरें अगले दिन सभी स्थानीय अखबारों में छप जाती है। बच्चों और टीचर के इस प्यार को देखकर सरकार व प्रशासन में बैठे लोगों का दिल पिघला और जी. भगवान का तबादला 10 दिनों के लिए रोक दिया जाता है। बता दें कि जी. भगवान के वेलीगरम से अरुंगुलम (तिरुट्टानी) के लिए तबादले के आदेश दिए थे।
फोटो सौजन्य : न्यूजमिनट्स डॉट कॉम
जी. भगवान की ये पहली नौकरी –
जी. भगवान बताते हैं कि ये उनकी पहली नौकरी है। भगवान ने कहा- ‘मुझे 2014 में सरकारी हाई स्कूल, वेलियागरम में स्नातक शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था। वास्तव में, अगर आप शिक्षक-छात्र अनुपात देखते हैं तो मैं एक अधिशेष (सरप्लस) टीचर था। इसलिए उन्होंने (सरकार ने) मुझे तिरुट्टानी भेजने का फैसला किया, जहां कि अपेक्षाकृत रूप से कम कर्मचारी हैं।’ जी. भगवान कक्षा 6 से कक्षा 10 तक के छात्रों को अंग्रेजी पढ़ाते हैं।
ट्रांसफर का पता लगते ही जुट गए छात्र-परिजन –
जैसे ही छात्रों को अपने शिक्षक के तबादले की बात पता चली तो स्कूल में इसका विरोध होने लगा। यहां तक कि बच्चों के मां-बाप भी उनके समर्थन आए। सबने फैसला किया कि वे मंगलवार को स्कूल में नहीं आएंगे ताकि सरकार को यह बताया जा सके कि वे भगवान के तबादले के खिलाफ हैं।
स्कूल के हेडमास्टर बताते हैं कि जी. भगवान और बच्चों के बीच मां-बाप जैसा ही रिश्ता बन गया है। इसीलिए जब उनके तबादले का पता चला तो सबकी आंखों में आंसू थे। बच्चों ने भी बताया कि इससे पहले भी स्कूल से कई अध्यापकों का तबादला हुआ लेकिन कभी किसी टीचर के लिए ऐसा महसूस नहीं किया। इस सबके बाद सरकार ने फिलहाल, जी. भगवान के तबादले को 10 दिनों तक के लिए टाल दिया है।