दिल्ली के तेज गेंदबाज नवदीप सैनी के भारतीय टेस्ट टीम में चुने जाने के बाद गौतम गंभीर ने पूर्व भारतीय खिलाड़ी बिशन सिहं बेदी और चेतन चौकान को आड़े हाथों लिया हैं. दिल्ली के पेसर नवदीप सैनी को अफगानिस्तान टेस्ट के लिए बुलावे के बाद गौतम गंभीर ने अपने ऑफिशियल टि्वटर अकाउंट से डीडीसीए के सदस्यों पर तल्ख टिप्पणी की है. दरअसल, दिल्ली और डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (DDCA) के सदस्य बेदी और चौहान ने दिल्ली की रणजी टीम में नवदीप सैनी के चयन का विरोध किया था. गौतम गंभीर ने उनके विरोध पर टिप्पणी करते हुए टि्वटर पर अपने विचार रखे हैं.
गौतम गंभीर ने टि्वटर पर लिखा, ‘डीडीसीए के कुछ सदस्यों के प्रति मेरी शोक संवेदना. यह संवेदना एक ‘बाहरी’ नवदीप सैनी के भारतीय टीम में शामिल होने पर है… याद रखिए नवदीप किसी भी राज्य का होने से पहले एक भारतीय है.
बता दें कि पांच साल पहले बिशन सिंह बेदी ने तात्कालिक डीडीसीए अध्यक्ष अरुण जेटली को एक पत्र लिखकर नवदीप सैनी के चयन पर सवाल उठाए थे. उस समय सैनी को दिल्ली की रणजी टीम में विदर्भ के खिलाफ चुना गया था.
नवदीप सैनी ने पिछले कुछ वर्षों में गौतम गंभीर के समर्थन के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट की है. इस युवा तेज गेंदबाज ने पूर्व ओपनर को अपनी सफलता का श्रेय दिया था. सैनी ने बताया, गौतम भैया ने मुझसे कहा था जैसे टेनिस बॉल से डालता है वैसी ही गेंद डाल. कोई टेंशन नहीं. बाकी सब ठीक हो जाएगा. भावुक होते हुए सैनी ने कहा, मैंने वही किया जो गोतम भैया ने कहा. आज मैं जहां भी हूं गौतम भैया की वजह से हूं.
नवदीप सैनी को अफगानिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच के लिए बुलावा आया है. सैनी ने दिल्ली के प्रमुख खिलाड़ियों को अपनी गेदंबाजी से प्रभावित किया और वह दिल्ली की रणजी टीम में आ गए. शुरू में थोड़ा विरोध हुआ और उन्हें आउटसाइडर कहा गया. गौतम गंभीर ने 15 उन्हें गेंदबाजी करते हुए देखा और सैनी के बारे में कहा कि यदि इसे ठीक तरह से ग्रूम किया गया तो यह बेहद प्रतिभाशाली साबित होगा.
बहुत से लोग इस बात के गवाह हैं कि किस तरह नेट पर बेहतरीन गेंदबाजी करने के बावजूद जब चयनकर्ताओं ने नवदीप सैनी पर ध्यान नहीं दिया तो गंभीर ने किस तरह अपना टेंपर लूज कर दिया था. लेकिन जिद्दी गंभीर ने डीडीसीए के अधिकारियों के विरोध के बावजूद सैनी के लिए रास्ते बनाए.
नवदीप सैनी कहते हैं, मुझे हर छोटी से छोटी बात याद है, मुझे मालूम है कि किस तरह गौतम भैया ने चयनकर्ताओं को कन्वींस किया. ताकि मैं दिल्ली के लिए खेल सकूं. आशीष नेहरा, मिथुन मिन्हास और सुमित नारवाल भी मेरे पक्ष में खड़े रहे. वास्तव में कुछ शुरुआती मैचों के बाद गंभीर भैया ने मुझसे कहा था कि मैं लगातार कड़ी मेहनत करता रहूं तो एक दिन मैं भारत के लिए जरूर खेलूंगा. और अब वह दिन आ गया है.