आज सिंगापुर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन से मुलाकात की है. द्वितीय विश्व युद्ध के दौर में कोरियाई प्रायद्धीप में हुए संघर्ष के बाद अस्तित्व में आए उत्तर कोरिया के किसी शासक की अमेरिकी राष्ट्रपति से यह पहली मुलाकात है. इससे पहले किसी मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति की भी मुलाकात उत्तर कोरियाई शासक से नहीं हुई थी.
बता दें की अमेरिका और सोवियत संघ के बीच बंटे दो ध्रुवीय विश्व के बीच तकरीबन 50 सालों तक शीत युद्ध हुआ और 1991 में सोवियत संघ के विघटन के साथ ही इसका खात्मा भी हुआ. लेकिन उस दौर की चपेट में आए दो कम्युनिस्ट देश उत्तर कोरिया और क्यूबा ये अभी भी उसी युग की मानसिकता में जी रहे थे और पूंजीवादी अमेरिका को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मान रहे थे.
हालांकि अभी भी क्यूबा दुनिया की मुख्यधारा में शामिल नहीं हो सका है और अमेरिका से रिश्ते ज्यादा गहरे नहीं है. हालांकि कुछ समय पहले बराक ओबामा के दौर में क्यूबा कुछ हद तक इस मानसिकता से उस वक्त उबरा जब 60 बरस बाद वहां अमेरिका ने वाणिज्य दूतावास खोला था. ट्रम्प और किम की इस मुलाकात बेहद अहम है क्योंकि कम्युनिस्ट देश उत्तर कोरिया की पूंजीवादी एवं लोकतांत्रिक देश अमेरिका से मुलाकात हो रही है.
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