सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों पर अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगाने के फैसले का विरोध बढ़ गया है. तकनीकी जगत की दिग्गज कंपनियों माइक्रोसॉफ्ट, एप्पल और गूगल समेत सिलिकॉन वैली की करीब 97 कंपनियों ने ट्रंप के आदेश के खिलाफ अदालत में याचिका दायर की है. कंपनियों ने इसे कानून एवं संविधान का ‘उल्लंघन’ बताया है.
अदालत में रविवार को दाखिल किए गए दस्तावेज के अनुसार ‘अमेरिका में प्रवेश करने के नियमों में अचानक किए गए बदलाव से अमेरिकी कंपनियों को बहुत नुकसान पहुंचा है.’ इस दस्तावेज का समर्थन टि्वटर, नेटफ्लिक्स और उबर ने भी किया है. सीएनएनमनी की खबर के अनुसार यह दस्तावेज रविवार को नाइंथ सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स में दाखिल किया गया.
इस बीच अदालत ने अमेरिकी सरकार द्वारा यात्रा प्रतिबंधों को फिर से लागू करने की याचिका के पक्ष में फैसला देने से इनकार कर दिया है. कंपनियों के इस प्रस्ताव के पक्ष में फेसबुक, ईबे और इंटल के साथ-साथ गैर तकनीकी कंपनी लेवी स्ट्रॉस और चोबानी भी शामिल हैं.
कंपनियों ने चेतावनी दी है कि इस तरह के प्रतिबंधों से अमेरिका की अर्थव्यवस्था टूट सकती है. हालांकि इस पर ट्रंप प्रशासन से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है लेकिन कंपनियों की अपील पर इसी हफ्ते सुनवाई होगी.
सेन फ्रांसिस्को आधारित नौंवे सर्किट में इसी सप्ताह होने वाली सुनवाई के लिए भेजी सूचना में इन तकनीकी कंपनियों ने कहा है कि – ‘ट्रंप द्वारा सात मुस्लिम देशों के नागरिकों पर अस्थाई यात्रा प्रतिबंध से उनका कारोबार बुरी तरह प्रभावित होगा.’ कंपनियों ने अदालत को तर्क दिया कि – ‘यह कदम प्रवासी कानून और अमेरिकी संविधान का भी उल्लंघन होगा.’
हालांकि, अमेरिका की एक निचली अदालत ने ट्रंप के कार्यकारी आदेश पर रोक लगा दी है, लेकिन ट्रंप प्रशासन के आदेश को पुनर्स्थापित करने के लिए अदालती लड़ाई लड़ने कीघोषणा के बाद कंपनियों ने यह कदम उठाया है.
कंपनियों ने अदालत में न्याय मित्र से कहा कि – ‘अमेरिका से प्रवासियों को हटाने के सिर्फ कारोबार ही प्रभावित नहीं होगा बल्कि इसके बहुत ही खतरनाक प्रभाव सामने आएंगे.’ उन्होंने भावुक अंदाज में लिखा कि – ‘जिन लोगों ने अपना सब कुछ उनके देश में छोड़कर एक अंजान धरती पर सिर्फ रचनात्मकता और संकल्प लेकर काम की तलाश में आए हैं उन्हें आने से रोकना अमानवीय भी होगा.’
ट्रंप के फैसले के खिलाफ अदालत जाने वाली कंपनियों में एप्पल, फेसबुक और गूगल के अलावा माइक्रोसॉफ्ट, उबर, टि्वटर, इंटेल, स्नेपचैट जैसी बड़ी कंपनियां भी शामिल हैं. इसे नेटफ्लिक्स, अमेजॉन, एक्सपीडिया जैसी कंपनियों ने भी अपना समर्थन दिया है.
न्यूयार्क टाइम्स और अन्य अमेरिकी मीडिया भी पर बरसे ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कथित तौर पर गलत खबरें प्रकाशित करने को लेकर न्यूयार्क टाइम्स समेत कई अमेरिकी मीडिया कंपनियों की आज आलोचना की.
ट्रंप ने एक ट्वीट में आरोप लगाया, ”असफल हो रहा न्यूयार्क टाइम्स मुझसे संबंधित गलत खबरें लिखता है.” अपने अन्य ट्वीट में ट्रंप ने उनकी लोकप्रियता में कमी होने से
संबंधित सर्वेक्षण दिखाने के चलते अन्य मीडिया आउटलेट पर भी निशाना साधा.
उन्होंने कहा कि चुनाव में जिस तरह के सर्वेक्षण सीएनएन, एबीसी और एनबीसी ने दिखाए, उस तरह के सभी नकारात्मक सर्वेक्षण फर्जी थे.