नई दिल्ली: देश में राफेल को लेकर चल रहे विवादों के बाद भी डील रद्द नहीं करने की ख़ास वजह क्या है यह जानकारी अभी आमलोगों की पंहुच से परे है. जानकारी के मुताबिक राफेल सबसे तेज गति के साथ बेहतरीन मारक क्षमताओं के साथ अन्य सम्पूर्ण खूबियों की समीक्षा एवं अन्य सभी फीचर्स की परख एवं समझ के लिए भारतीय एयर फ़ोर्स साल के अंत तक एक टीम फ्रांस भेजने की तैयारी कर रही है. भारत सरकार ने वर्ष 2016 में फ़्रांस की सरकार के साथ 36 फुली लोडेड राफेल विमानों की खरीद का सरकार से सरकार ‘ओवर द काउंटर’ सौदा किया था. उम्मीद है की आने वाले साल के भीतर ही इन विमानों की आपूर्ति शुरू हो जाएगी.
राफेल के भारतीय वायु सेना में शामिल होते ही सेना की ताक़त में कई गुना इज़ाफ़ा होना तय है. मिली ख़बरों के आधार पर, इन 36 में लड़ाकू विमानों में से दो पल्टन बनाई जाएंगी, एक 15-18 की टोली अम्बाला में पाकिस्तानी मोर्चे के लिए तो दूसरी हाशिमपुरा बंगाल में चीन के मुक़ाबले के लिए रखीं जाएंगी. राफेल की गति लगभग 2400 किमी./घंटा के आस-पास है इसके साथ ही सबसे बड़ी खासियत है की यह विमान राडार की पकड़ में आते ही नहीं हैं. वायुसेना के पास फिलहाल 31स्क्वैड्रन विमान हैं राफेल इनके मुक़ाबले हल्का और फुर्तीला है, जिसकी क्षमता 1000 नॉटिकल मील है. भारत के पास कुल 836 विमान है जिनमे से लड़ने लायक आधे ही हैं,राफेल के आने से इनकी खूबियों और मारक क्षमताओं में बढ़ोत्तरी होना तय है.
राफेल 36 से 60 हज़ार फिट की ऊंचाई तक उड़ सकता है, इसमें लगी गन एक मिनिट में 125 से ज्यादा राउंड फायर करने में सक्षम है, साथ ही यह हर मौसम में खतरे को भांप लेने की क़ाबिलियत रखता है. राफेल में एक बार फ्यूल भरने पर 10 घंटे तक उड़ान भर सकता है.
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