आज से देशभर में गणेश चतुर्थी उत्सव की शुरुआत हो रही है. हर गली-चौराहों पर और मंदिरों में बस बप्पा के आने की ही तैयारियां चल रही है. इस मौके पर कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं जिससे माहौल खुशनुमा बना रहता है. नृत्य, गायन, चित्रकला, विभिन्न खेलों की कई प्रत्योगिताएं आयोजित की जाती है. बड़े-बड़े मंदिरों में भी विशेष तैयारियां की गई है ताकि श्रद्धालु आसानी से भगवान गणेश के दर्शन कर सके. सड़कों पर हर तरफ पर गणपति बप्पा की प्रतिमाएं और उनकी जय-जयकार की गूंज ही सुनाई दे रही हैं.
इस बार तो मूर्तिकारों ने भी पर्यावरण को विशेष तौर से ध्यान में रखते हुए गणेश जी की प्रतिमा का निर्माण किया है. मशहूर पंडित प्रकाश जोशी ने बताया कि ‘शास्त्रों में ऐसा लिखा है कि अगर किसी भी व्यक्ति पर कोई झूठा आरोप लगा है और या फिर उसे किसी झूठे मुकदमे में फंसाया गया है तो तो वह इस फिन भगवान गणेश का व्रत कर उनकी पूजा-अर्चना करे. इसके साथ ही वो भूलकर भी चन्द्रमा ना देखे वरना ये व्रत खंडित हो जाएगा. पुराणों के अनुसार इस दिन भगवान गणेश का रूप देखकर चंद्र देव की हंसी छूट गई थी और इसके बाद गणेश जी ने उन्हें गुस्से में ये श्राप दे दिया था कि आज के दिन तुम्हारी पूजा नहीं होगी.
गणेश पूजा की स्थापना का शुभ मुहूर्त-
गणेश चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 12 सितंबर 2018 को शाम 4 बजकर 07 मिनट
गणेश चतुर्थी तिथि समाप्त: 13 सितंबर 2018 को दोपहर 02 बजकर 51 मिनट
गणपति की स्थापना और पूजा का समय: 13 सितंबर की सुबह 11 बजकर 09 मिनट से 01 बजकर 35 मिनट तक
अवधि: 2 घंटे 26 मिनट
13 सितंबर को चंद्रमा नहीं देखने का समय: सुबह 09 बजकर 33 मिनट से रात 09 बजकर 23 मिनट तक अवधि: 11 घंटे 50 मिनट
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