बिहार में एनडीए के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। एनडीए के सहयोगी दलों के भोज में नहीं शामिल होने वाले रालोसपा अध्यक्ष अपेंद्र कुशवाहा शुक्रवार को भाजपा नेता सुशील मोदी की इफ्तार पार्टी में भी शामिल नहीं हुए। इस बीच राजद नेता तेजस्वी यादव ने महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया है।
लोकसभा चुनाव में बिहार की सीटों के बंटवारे को लेकर एनडीए में घमासान के बीच दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महागठबंधन के सहयोगी राजद नेता तेजस्वी यादव की हुई मुलाकात भी अहम मानी जा रही है। सूत्रों की मानें तो दोनों नेताओं के बीच सीटों को लेकर एक खाका भी खींचा गया है। दोनों ही नेताओं ने भाजपा को हराने के लिए अन्य दलों के लिए भी दरवाजे खुले रखने पर सहमति जताई है।
दोनों पार्टियां ऐसे कुछ राजनीतिक क्षत्रपों को भी समर्थन दे सकती हैं जो भाजपा को सीधी टक्कर देने की हैसियत रखता हो। तेजस्वी ने राज्य में कांग्रेस की दो लोकसभा सीटों के अलावा प्रभाववाली उन सीटों की तलाश को कह दिया है जहां कभी कांग्रेस का दबदबा रहा है।
बिहार के जातीय समीकरण में तालमेल बैठाने के लिए भी दोनों दलों के बीच विचार-विमर्श हुआ है। उसी रणनीति के तहत इस महीने के अंत में कांग्रेस बिहार में किसी उच्च जाति के व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है। दरअसल राजद की अल्पसंख्यकों और पिछड़ी जातियों के बीच बेहतर पैठ है ऐसे में उच्च जातियों के बीच कांग्रेस अपने जनाधार को बढ़ाना चाहती है। कांग्रेस उन्हीं सीटों पर जोर दे रही है जहां उसकी संगठनात्मक मजबूती है।
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