मुजफ्फरपुर। खुद दलित परिवार से आनेवाले बिहार सरकार के पूर्व भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री रमई राम को दलित राजनीति के दांवपेंच से दो-दो हाथ करना पड़ रहा है । भूमि संबंधी विवाद में बिहार सरकार में पूर्व मंत्री रहे जदयू नेता रमई राम पर दलित समाज के लोगों ने गंभीर आरोप लगाकर चौंका दिया है।
रमई राम पर दलितों ने आरोप लगाया है कि उन्होंने उनके खानदान के लोगों को साजिश के तहत भूखे रखा और सत्तू के साथ नमक खिलाकर एक एकड़ से ज्यादा जमीन हथिया ली है। दलितों ने अब इस जमीन पर कब्जा जमा लिया है और रमई राम सरकार से जमीन वापसी की गुहार लगा रहे हैं।
बिहार सरकार में रसूखदार पदों पर रहे मुजफ्फरपुर के रहने वाले पूर्व मंत्री रमई राम इन दिनों बिहार सरकार से न्याय की गुहार लगा रहे हैं। उनका कहना है कि उनकी एक एकड़ 41 डिसमिल जमीन पर दलितों ने कब्जा कर लिया है। वहीं दूसरी ओर दलित उल्टे रमई राम पर धोखाधड़ी का आरोप लगा रहे हैं। रमई राम के प्रभाव में पिछले दिनों पुलिस जमीन खाली कराने पहुंची तो दलितों ने पुलिस को खदेड़ दिया।
जिले के मुशहरी प्रखंड के मणिका विशुनपुर चांद इलाके में दलितों ने रमई की जमीन को अपना कहकर कब्जा कर लिया है। दलितों का कहना है कि रजिस्ट्री धोखे से कराई गई है जबकि रमई राम कह रहे हैं कि यह उनकी जमीन है। दलित उनके ऊपर झूठा आरोप लगा रहे हैं । मामला विवादों में है। दलितों का मामला होने की वजह से मुजफ्फरपुर में दलित राजनीति अपने चरम पर है। कई विरोधी गुट के नेता जमीन का दौरा कर चुके हैं। इस मामले में रमई राम की मुश्किलें कम होने की बजाय बढ़ती जा रही है।
बताया जा रहा है कि रमई राम अब साम-दाम-दंड-भेद अपनाकर जमीन पर कब्जे की फिराक में हैं लेकिन दलित समाज के लोग उनकी हर साजिश को नाकाम कर देने मुस्तैद दिख रहे हैं।