पणजी। गोवा में सरकार बनाने की कांग्रेस की संभावनाओं पर ‘पानी फेरने’ पर आलोचनाओं के शिकार कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह पर हमला बोलते हुए पार्टी के पूर्व विधायक विश्वजीत राणे ने आज कहा कि दिग्विजय को अब राजनीति छोड़ देनी चाहिए।
राणे ने कांग्रेस पार्टी छोडऩे के एक दिन बाद कहा, ‘दिग्विजय को राजनीति से अब संन्यास ले लेना चाहिए। उन्होंने जिस तरह से अन्य कांग्रेसी नेताओं के साथ बड़ी गलती की है, उसे पार्टी को बहुमत के बावजूद (गोवा में) सरकार नहीं बनने के रूप में भुगतना पड़ा।’
उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि दिग्विजय वास्तव में गोवा में कांग्रेसी सरकार बनाना चाहते थे या नहीं। उनके क्रियाकलापों को देखते हुए ऐसा नहीं लगता (कि उन्होंने कुछ किया)।’
विधायक दल की बैठक महज ‘मजाक’
राणे(45) ने गोवा विधानसभा में कल शक्ति परीक्षण के दौरान पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए कांग्रेस को झटका दिया और उन्होंने खुद को अनुपस्थित रखा। पूर्व मुख्यमंत्री प्रतापसिंह राणे के बेटे विश्वजीत ने आरोप लगाया कि गोवा विधानसभा चुनावों में 17 सीटें जीतने के बाद पार्टी कार्यालय में कांग्रेस विधायक दल की बैठक महज ‘मजाक’ थी।
उन्होंने कहा, ‘बैठक लंबे वक्त तक चली और कुछ भी फैसला नहीं हुआ। पूरे दिन मीडिया होटल के बाहर खड़ी रही और बैठक चलती रही। वहीं दूसरी ओर भाजपा ने दिल्ली में अपने नेताओं के साथ वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए बैठक की और जल्द उन्होंने गठबंधन कर लिया।’
राणे ने कहा कि जब भाजपा और गठबंधन सहयोगियों ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा को समर्थन का पत्र दिया तो कांग्रेस सोकर उठी और हरकत में आई। राणे ने कहा कि अगर दिगंबर कामत को विधायक दल का नेता चुना जाता तो गोवा फारवर्ड पार्टी (जीएफपी) ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करने और सरकार बनाने की मंशा जताई होती।
उन्होंने दावा किया, ‘लेकिन पार्टी ने जीएफपी के प्रस्ताव पर चर्चा करने में समय लिया और उसने सरकार बनाने का अवसर गंवा दिया।’ 3 बार के विधायक ने कहा कि वह वालपोई सीट से फिर से चुनाव लड़ेंगे और उन्होंने दोहराया कि वह ‘सभी विकल्पों के लिए खुले’ हैं और यहां तक कि भाजपा के टिकट पर लडऩे को तैयार हैं।
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal