लखनऊ। वाणिज्य कर अधिकारियों और व्यापारियों की मिलीभगत से चल रहे कारोबारी गोरखधंधे पर विभाग की निगाहें लग गई हैं सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ाकर बाहरी राज्यों से धड़ल्ले से माल की सप्लाई हो रही है। मोबाइल सतर्कता टीमों की खानापूर्ति के कारण त्योहारी मौसम में करोड़ों का चूना लग रहा है। प्रदेश भर में 101227 व्यापारी पैन की गलत जानकारी देकर माल को दूसरे राज्यों से लाकर इधर से उधर करने में जुटे हैं। ऐसे में वाणिज्य कर आयुक्त मुकेश मेश्राम ने 31 अक्टूबर तक फर्म की सही जानकारी देकर पैन अपडेट न कराने वाले व्यायपारियों के टिन नंबर को निरस्त करने के आदेश दिए हैं। इसके बाद व्यापारी अवैध रूप से व्यापार नहीं कर सकेंगे।
कर निर्धारण अधिकारियों के लचर रवैये पर आयुक्त ने सख्त रवैया अख्तियार किया है। नेशनल इंफार्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) की जांच में सवा लाख व्यापारियों की दी पैन जानकारी को गलत करार दिया गया है। एनआईसी ने तीन स्तरों पर व्यापारी फर्मों की जांच की है। पैन वैरिफिकेशन प्रकिया में पैन का संस्थात्मक रूप से मान्य होना अनिवार्य है। पैन में दी गई फर्म की जानकारी और विभाग के डाटाबेस में उपलब्ध जानकारी भी समान होनी चाहिए। इसके अलावा विभाग में व्यापारी प्रतिष्ठान का नाम भी समान होना चाहिए। पैन सत्यापन करने पर व्यापारी फर्मों की गलत जानकारी चौंकाने वाला तथ्य है। जिससे विभाग की नींद उड़ गई है।
गौरतलब है कि सरकार गुड्स एवं सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू करने जा रही है। इसके लिए वाणिज्य कर विभाग ने अलग से जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) तैयार कराया है। इस आनलाइन नेटवर्क में प्रदेश भर के व्यापारियों और औद्योगिक इकाइयों को माइग्रेट किया जाना है। हालांकि पैन अपडेट न होने की स्थिति में जीएसटीएन में माइग्रेशन संभव नहीं है। एनआईसी की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि पैन अपडेट न होने के बावजूद व्यापारी ई सर्विस का उपयोग कर रहे हैं जबकि कर निर्धारण अधिकारी स्तर से कोई भी कदम न उठाया जाना हैरानी भरा है। दशहरा से दीवाली तक सैकड़ों करोड़ रुपये का माल बाहरी राज्यों से ई सर्विस के जरिए लाया जाता है। ऐसे में गलत जानकारी देकर विभाग को करोड़ों रुपये की चपत लगने की आशंका है। फिलहाल ऐसे सभी व्यापारियों की ई सर्विस सुविधा को रोक दिया गया है। अब नए सिरे से व्यापारी सुविधा केंद्रों पर आवेदन के बाद ही ई सर्विस की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके साथ ही पैन अपडेट होने पर ही व्यापारियों को जीएसटी नेटवर्क में माइग्रेशन की सुविधा मिल पाएगी। 31अक्टूबर तक व्यापारी फर्म अपना पैन अपडेट नहीं कराते हैं तो फर्म का टिन नंबर निरस्त करने की प्रकिया शुरू कर दी
जाएगी।
मुकेश मेश्राम वाणिज्य कर आयुक्त ।