असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक दशहरा आज यानि शुक्रवार (19 अक्टूबर) को धूमधाम से मनाया जाएगा. मां दुर्गा की नौ दिनों तक हुई उपासना के बाद शुक्रवार (19 अक्टूबर) को दशहरा का पर्व परंपरागत तरीके से मनाया जाएगा. साल के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में एक दुर्गा पूजा का भी इसी के साथ समापन हो होगा. आज देश के कई हिस्सों में रावण दहन होगा. हालांकि, कुछ जगहों पर गुरुवार (18 अक्टूबर) को भी रावण दहन किया गया. गुजरात के अहमदाबाद में रावण को गुरुवार ही जलाया गया. इस पावन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर देशवासियों को विजयादशमी की बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट कर एक शुभकामना वीडियो शेयर किया है.
अहंकार-क्रोध का विनाश
भगवान राम के रावण का वध करने और असत्य पर सत्य की विजय के खुशी में इस पर्व को मनाया जाता है. इस दिन जगह जगह रावण दहन किया जाता है. कहा जाता है कि रावण के पुतले को जला हर इंसान अपने अंदर के अहंकार, क्रोध का नाश करता है. इस दिन मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन भी किया जाता है.
क्या है मान्यता
ऐसी मान्यता है कि रावण का वध करने कुछ दिन पहले भगवान राम ने आदि शक्ति मां दुर्गा की पूजा की और फिर उनसे आशीर्वाद मिलने के बाद दशमी को रावण का अंत कर दिया. ऐसी भी मान्यता है कि दशमी को ही मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था. इसलिए इसे विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है.
अलग-अलग है परंपराएं
देशभर में अलग-अलग जगह रावण दहन होता है और हर जगह की परंपराएं बिल्कुल अलग हैं. इस दिन शस्त्रों की पूजा भी की जाती है. इस दिन शमी के पेड़ की पूजा भी की जाती है. कई लोग मानते हैं कि इस दिन वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम, सोना, आभूषण नए वस्त्र इत्यादि खरीदना शुभ होता है. दशहरे के दिन नीलकंठ भगवान के दर्शन करना अति शुभ माना जाता है.
ये है शुभ मुहूर्त
08:20 से 10:30 बजे तक लग्न पूजन
11:24 से 12:32 बजे तक अभिजीत मूहूर्त
दहन का शुभ मुहूर्त
शुक्रवार को दोपहर 2.57 बजे से शाम 4.17 बजे