Thursday , January 9 2025
एशिया के सबसे बड़े रेडलाइट एरिया सोनागाछी की सेक्स वर्कर्स (यौन कर्मियों) के बच्चों की टीम राष्ट्रीय लीग के अंडर-13 व अंडर-15 टूर्नामेंट में शिरकत करने जा रही है। बदनाम गलियों से निकल एक बेहतर मंजिल पाने के लिए संघर्षरत इन बच्चों ने फुटबॉल को अपना करियर बनाने की ठान ली है। स्थानीय स्पोर्ट्स एकेडमी में अपने सपनों को साकार करने के लिए जी-जान से जुटे इस्माइल सरदार, राकेश मिश्र और सोनू कुंडु ऐसे ही कुछ नाम हैं। कहते हैं, हम जी-जान से तैयार में जुटे हुए हैं। हमें उम्मीद है कि सफलता जरूर मिलेगी। इन बच्चों को मालूम है कि उनकी मंजिल बहुत दूर है और रास्ता बेहद मुश्किल, लेकिन ये बच्चे इस खेल के ही नहीं, जीवन के खेल के भी असल चैंपियन हैं, इन्हें संघर्ष करना बखूब आता है। शुरुआत हो चुकी है। ये सेक्स वर्कर्स के बच्चे हैं, लेकिन क्या केवल यही इनकी पहचान होनी चाहिए? कतई नहीं। इन्हें पूरा यकीन है कि ये अपनी पहचान खुद बनाएंगे, जिसका इन्हें पूरा हक भी है। बड़े फुटबॉल क्लबों की टीमों से खेलेंगे पहचान बन भी गई है। इन बच्चों ने भारतीय फुटबॉल में इतिहास रच डाला है। उनकी टीम ने देश के सबसे बड़े फुटबॉल लीग में खेलने का गौरवपूर्ण अवसर हासिल किया है। भारतीय फुटबॉल के इतिहास में यह पहली बार है जब सेक्स वर्कर्स के बच्चों की टीम राष्ट्रीय लीग के अंडर-13 व अंडर-15 टूर्नामेंटों में शिरकत करेगी और ईस्ट बंगाल, मोहनबगान जैसे भारत के मशहूर फुटबॉल क्लबों की टीमों के साथ खेलेगी। स्पोर्ट्स एकेडमी में कर रहे प्रैक्टिस कोलकाता से सटे दक्षिण 24 परगना जिले के बारुईपुर इलाके में स्थित दुर्बार स्पोर्ट्स एकेडमी में ये बच्चे कड़ी मेहनत कर रहे हैं। राष्ट्रीय लीग सितंबर से शुरू होगी। उनकी तैयारी का तरीका भी अनोखा है। बच्चे दिन में ग्राउंड में कड़ा अभ्यास करते हैं और रात को फीफा विश्व कप के मैच देखकर बड़े खिलाड़ियों के खेलने के तरीके सीखते हैं। इस दौरान कोच व सहायक कोच भी साथ होते हैं, जो बारीकियों को समझाते हैं। दुर्बार की टीमों में एक से बढ़कर एक खिलाड़ी हैं। सोनू कुंडु दो बार बंगाल टीम का राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इसी टीम के सदस्य रहे सुरजीत भट्टाचार्य और विश्वजीत नंदी को 2015 में पोलैंड में हुए होमलेस वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम में चुना गया था। दोनों ने अपने चयन को सही साबित करते हुए सिक्स साइड वाले उस टूर्नामेंट में ताबड़तोड़ गोल किए थे। सुरजीत ने टूर्नामेंट में सबसे अधिक 25 और विश्वजीत ने 18 गोल दागे थे। पिछले साल दुर्बार की टीम ने डेनमार्क में हुए डाना कप में पुर्तगाल, स्वीडन और नार्वे जैसी प्रमुख टीमों को मात दी थी। 2015 में दुनिया के मशहूर फुटबॉल क्लब मैनचेस्टर युनाइटेड में प्रशिक्षण के लिए भारत से जिन 11 युवा फुटबॉलरों का चयन हुआ था, उनमें दुर्बार का राजीव राय भी शामिल था। 2015 में दुर्बार की टीम ने नागपुर में हुई स्लम सॉकर चैंपियनशिप जीती थी। देश में सेक्स वर्करों के सबसे बड़े संगठन दुर्बार महिला समन्वय कमेटी की स्पोर्ट्‌स विंग दुर्बार स्पोर्ट्‌स एकेडमी के अध्यक्ष डॉ. समरजीत जाना ने बताया कि समिति के कोषाध्यक्ष डीएन चटर्जी आगामी 31 जून को रूस रवाना होंगे। वे वहां फीफा एवं विभिन्न टीमों के अधिकारियों से मिलकर इस खेल के बारे में जानकारी हासिल करेंगे, ताकि हमारे बच्चों को इस खेल में और दक्ष बनाया जा सके।

देश की टॉप फुटबॉल लीग में खेलेगी यौन कर्मियों के बच्चों की टीम

एशिया के सबसे बड़े रेडलाइट एरिया सोनागाछी की सेक्स वर्कर्स (यौन कर्मियों) के बच्चों की टीम राष्ट्रीय लीग के अंडर-13 व अंडर-15 टूर्नामेंट में शिरकत करने जा रही है।एशिया के सबसे बड़े रेडलाइट एरिया सोनागाछी की सेक्स वर्कर्स (यौन कर्मियों) के बच्चों की टीम राष्ट्रीय लीग के अंडर-13 व अंडर-15 टूर्नामेंट में शिरकत करने जा रही है।  बदनाम गलियों से निकल एक बेहतर मंजिल पाने के लिए संघर्षरत इन बच्चों ने फुटबॉल को अपना करियर बनाने की ठान ली है। स्थानीय स्पोर्ट्स एकेडमी में अपने सपनों को साकार करने के लिए जी-जान से जुटे इस्माइल सरदार, राकेश मिश्र और सोनू कुंडु ऐसे ही कुछ नाम हैं। कहते हैं, हम जी-जान से तैयार में जुटे हुए हैं। हमें उम्मीद है कि सफलता जरूर मिलेगी।  इन बच्चों को मालूम है कि उनकी मंजिल बहुत दूर है और रास्ता बेहद मुश्किल, लेकिन ये बच्चे इस खेल के ही नहीं, जीवन के खेल के भी असल चैंपियन हैं, इन्हें संघर्ष करना बखूब आता है। शुरुआत हो चुकी है। ये सेक्स वर्कर्स के बच्चे हैं, लेकिन क्या केवल यही इनकी पहचान होनी चाहिए? कतई नहीं। इन्हें पूरा यकीन है कि ये अपनी पहचान खुद बनाएंगे, जिसका इन्हें पूरा हक भी है।  बड़े फुटबॉल क्लबों की टीमों से खेलेंगे  पहचान बन भी गई है। इन बच्चों ने भारतीय फुटबॉल में इतिहास रच डाला है। उनकी टीम ने देश के सबसे बड़े फुटबॉल लीग में खेलने का गौरवपूर्ण अवसर हासिल किया है। भारतीय फुटबॉल के इतिहास में यह पहली बार है जब सेक्स वर्कर्स के बच्चों की टीम राष्ट्रीय लीग के अंडर-13 व अंडर-15 टूर्नामेंटों में शिरकत करेगी और ईस्ट बंगाल, मोहनबगान जैसे भारत के मशहूर फुटबॉल क्लबों की टीमों के साथ खेलेगी।  स्पोर्ट्स एकेडमी में कर रहे प्रैक्टिस  कोलकाता से सटे दक्षिण 24 परगना जिले के बारुईपुर इलाके में स्थित दुर्बार स्पोर्ट्स एकेडमी में ये बच्चे कड़ी मेहनत कर रहे हैं। राष्ट्रीय लीग सितंबर से शुरू होगी। उनकी तैयारी का तरीका भी अनोखा है। बच्चे दिन में ग्राउंड में कड़ा अभ्यास करते हैं और रात को फीफा विश्व कप के मैच देखकर बड़े खिलाड़ियों के खेलने के तरीके सीखते हैं। इस दौरान कोच व सहायक कोच भी साथ होते हैं, जो बारीकियों को समझाते हैं।  दुर्बार की टीमों में एक से बढ़कर एक खिलाड़ी हैं। सोनू कुंडु दो बार बंगाल टीम का राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इसी टीम के सदस्य रहे सुरजीत भट्टाचार्य और विश्वजीत नंदी को 2015 में पोलैंड में हुए होमलेस वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम में चुना गया था। दोनों ने अपने चयन को सही साबित करते हुए सिक्स साइड वाले उस टूर्नामेंट में ताबड़तोड़ गोल किए थे। सुरजीत ने टूर्नामेंट में सबसे अधिक 25 और विश्वजीत ने 18 गोल दागे थे।  पिछले साल दुर्बार की टीम ने डेनमार्क में हुए डाना कप में पुर्तगाल, स्वीडन और नार्वे जैसी प्रमुख टीमों को मात दी थी। 2015 में दुनिया के मशहूर फुटबॉल क्लब मैनचेस्टर युनाइटेड में प्रशिक्षण के लिए भारत से जिन 11 युवा फुटबॉलरों का चयन हुआ था, उनमें दुर्बार का राजीव राय भी शामिल था। 2015 में दुर्बार की टीम ने नागपुर में हुई स्लम सॉकर चैंपियनशिप जीती थी।  देश में सेक्स वर्करों के सबसे बड़े संगठन दुर्बार महिला समन्वय कमेटी की स्पोर्ट्‌स विंग दुर्बार स्पोर्ट्‌स एकेडमी के अध्यक्ष डॉ. समरजीत जाना ने बताया कि समिति के कोषाध्यक्ष डीएन चटर्जी आगामी 31 जून को रूस रवाना होंगे। वे वहां फीफा एवं विभिन्न टीमों के अधिकारियों से मिलकर इस खेल के बारे में जानकारी हासिल करेंगे, ताकि हमारे बच्चों को इस खेल में और दक्ष बनाया जा सके।

बदनाम गलियों से निकल एक बेहतर मंजिल पाने के लिए संघर्षरत इन बच्चों ने फुटबॉल को अपना करियर बनाने की ठान ली है। स्थानीय स्पोर्ट्स एकेडमी में अपने सपनों को साकार करने के लिए जी-जान से जुटे इस्माइल सरदार, राकेश मिश्र और सोनू कुंडु ऐसे ही कुछ नाम हैं। कहते हैं, हम जी-जान से तैयार में जुटे हुए हैं। हमें उम्मीद है कि सफलता जरूर मिलेगी।

इन बच्चों को मालूम है कि उनकी मंजिल बहुत दूर है और रास्ता बेहद मुश्किल, लेकिन ये बच्चे इस खेल के ही नहीं, जीवन के खेल के भी असल चैंपियन हैं, इन्हें संघर्ष करना बखूब आता है। शुरुआत हो चुकी है। ये सेक्स वर्कर्स के बच्चे हैं, लेकिन क्या केवल यही इनकी पहचान होनी चाहिए? कतई नहीं। इन्हें पूरा यकीन है कि ये अपनी पहचान खुद बनाएंगे, जिसका इन्हें पूरा हक भी है।

बड़े फुटबॉल क्लबों की टीमों से खेलेंगे

पहचान बन भी गई है। इन बच्चों ने भारतीय फुटबॉल में इतिहास रच डाला है। उनकी टीम ने देश के सबसे बड़े फुटबॉल लीग में खेलने का गौरवपूर्ण अवसर हासिल किया है। भारतीय फुटबॉल के इतिहास में यह पहली बार है जब सेक्स वर्कर्स के बच्चों की टीम राष्ट्रीय लीग के अंडर-13 व अंडर-15 टूर्नामेंटों में शिरकत करेगी और ईस्ट बंगाल, मोहनबगान जैसे भारत के मशहूर फुटबॉल क्लबों की टीमों के साथ खेलेगी।

स्पोर्ट्स एकेडमी में कर रहे प्रैक्टिस

कोलकाता से सटे दक्षिण 24 परगना जिले के बारुईपुर इलाके में स्थित दुर्बार स्पोर्ट्स एकेडमी में ये बच्चे कड़ी मेहनत कर रहे हैं। राष्ट्रीय लीग सितंबर से शुरू होगी। उनकी तैयारी का तरीका भी अनोखा है। बच्चे दिन में ग्राउंड में कड़ा अभ्यास करते हैं और रात को फीफा विश्व कप के मैच देखकर बड़े खिलाड़ियों के खेलने के तरीके सीखते हैं। इस दौरान कोच व सहायक कोच भी साथ होते हैं, जो बारीकियों को समझाते हैं।

दुर्बार की टीमों में एक से बढ़कर एक खिलाड़ी हैं। सोनू कुंडु दो बार बंगाल टीम का राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इसी टीम के सदस्य रहे सुरजीत भट्टाचार्य और विश्वजीत नंदी को 2015 में पोलैंड में हुए होमलेस वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम में चुना गया था। दोनों ने अपने चयन को सही साबित करते हुए सिक्स साइड वाले उस टूर्नामेंट में ताबड़तोड़ गोल किए थे। सुरजीत ने टूर्नामेंट में सबसे अधिक 25 और विश्वजीत ने 18 गोल दागे थे।

पिछले साल दुर्बार की टीम ने डेनमार्क में हुए डाना कप में पुर्तगाल, स्वीडन और नार्वे जैसी प्रमुख टीमों को मात दी थी। 2015 में दुनिया के मशहूर फुटबॉल क्लब मैनचेस्टर युनाइटेड में प्रशिक्षण के लिए भारत से जिन 11 युवा फुटबॉलरों का चयन हुआ था, उनमें दुर्बार का राजीव राय भी शामिल था। 2015 में दुर्बार की टीम ने नागपुर में हुई स्लम सॉकर चैंपियनशिप जीती थी।

देश में सेक्स वर्करों के सबसे बड़े संगठन दुर्बार महिला समन्वय कमेटी की स्पोर्ट्‌स विंग दुर्बार स्पोर्ट्‌स एकेडमी के अध्यक्ष डॉ. समरजीत जाना ने बताया कि समिति के कोषाध्यक्ष डीएन चटर्जी आगामी 31 जून को रूस रवाना होंगे। वे वहां फीफा एवं विभिन्न टीमों के अधिकारियों से मिलकर इस खेल के बारे में जानकारी हासिल करेंगे, ताकि हमारे बच्चों को इस खेल में और दक्ष बनाया जा सके।

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