नई दिल्ली। संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने डिजिटल इंडिया का लक्ष्य हासिल करने के लिए खंडित दृष्टिकोण अपनाने की बजाए समग्र योजना की आवश्यकता पर बल दिया है। दिल्ली में बुधवार को ‘‘डिजिटल इंडिया के लिए आईसीटी से उभरती प्रौद्योगिकियां और यूएसओएफ’’ विषय पर एक सेमिनार का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में नवाचार की आवश्यकता है, क्योंकि भारत सीमित संसाधनों के कारण विकसित अर्थव्यवस्थाओं का अनुकरण नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि अगर अगले 15 से 20 वर्ष के दौरान भारत उभरती हुई प्रौद्योगिकियों को आत्मसात नहीं कर पाया, तो देश का अस्तित्व दाव पर लग जाएगा। उन्होंने अधिकारियों और सम्बद्ध पक्षों का आह्वान किया कि वे डिजिटल क्रांति के जरिए परिवर्तन का प्रधानमंत्री का लक्ष्य हासिल करने के लिए ‘‘वॉक द टॉक’’ का अनुसरण करें। मनोज सिन्हा ने यह भी कहा कि अभी तक आईटी क्रांति से वंचित ग्रामीण क्षेत्रों की आबादी को डिजिटल दृष्टि से सशक्त बनाना हमारा दायित्व है। सिन्हा ने आशा प्रकट की कि मार्च, 2017 तक एक लाख ग्राम पंचायतें आप्टिकल फाइबर केबल के जरिए जुड़ जाएंगी।