कोहिमा। नगालैंड की राजधानी में राज्य चुनाव आयोग और उपायुक्त के कार्यालय में तोडफ़ोड़ की तथा कोहिमा नगर परिषद की इमारत को आग के हवाले कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय और आबकारी विभाग के कार्यालय को भी हिंसक भीड़ ने आग के हवाले कर दिया।
ये लोग जनजातीय समूहों के विरोध के बावजूद चुनाव के लिए आगे बढऩे को लेकर मुख्यमंत्री टीआर जेलिआंग और उनकी पूरी कैबिनेट का इस्तीफा मांग रहे थे ।
जनजातीय समूह नगर निकायों में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण के खिलाफ है। हालांकि, इन सभी घटनाओं की पुलिस ने फिलहाल पुष्टि नहीं की है। इससे पहले दिन में नगालैंड ट्राइम्स एक्शन कमेटी ने जेलिआंग और उनकी कैबिनेट को शाम चार बजे तक इस्तीफा देने, दीमापुर पुलिस आयुक्त को हटाने और चुनाव को अवैध एवं अमान्य घोषित करने का अल्टीमेटम दिया। एनटीएसी ने राजभवन को एक ज्ञापन भी सौंपा है ।
हालांकि, राज्यपाल पीबी आचार्य इटानगर में हैं। उनके पास अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल का भी प्रभाव है। एनटीएसी के दबाव में जेलिआंग ने चुनाव प्रक्रिया को अमान्य घोषित कर दिया और दीमापुर के पुलिस आयुक्त एवं पुलिस उपायुक्त का भी तबादला कर दिया ताकि मंगलवार को हुई गोलीबारी की घटना की निष्पक्ष जांच हो सके।
इस घटना में दो प्रदर्शनकारी युवक मारे गए थे जिसके बाद से राज्य में रोष पनप रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री की घोषणाएं चार बजे की समय सीमा समाप्त होने के पहले ही हुई थी फिर भी भीड़ हिंसक हो गई ।